भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pardesh) के कई जिलों में बीते कुछ दिनों में भूकंप (earthquake) के झटके महसूस किए गए हैं। ये झटके कम तीव्रता के रहे। भूकंप के लिहाज से राज्य दो व तीन जोन (3rd Zone) में आता है। इसलिए लोगों को घबराने की जरूरत नहीं है। सरकार ने सावधानी बरतने की हिदायत दी है।
सिवनी में 4.3 की तीव्रता से आया था भूकंप
राज्य आपदा प्रबंधन (State disaster management) की सोमवार को बैठक हुई। इस बैठक में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान (Chief Minister Shivraj Singh Chauhan) ने कहा कि गत दिनों प्रदेश के सिवनी (seoni), बालाघाट(Balaghat), बड़वानी(Badwani), अलीराजपुर(Alirajpur), छिंदवाड़ा (Chhindwara), मंडला (Mandala) आदि जिलों तथा उनके समीप भूकंप के झटके महसूस किए गए। इनमें रिक्टर स्केल (Rector Scale) पर सर्वाधिक तीव्रता 4.3 सिवनी में आए भूकंप की थी।
खतरनाक श्रेणी में मध्यप्रदेश नहीं
चौहान के मुताबिक, मध्यप्रदेश भूकंप के जोन दो व तीन में आता है, जो खतरनाक श्रेणी नहीं है। जोन चार एवं पांच खतरनाक श्रेणी में आते हैं जहां भूकंप की तीव्रता रिक्टर स्केल पर 4.5 (चार दशमलव पांच ) से अधिक रहती है। सरकार द्वारा भूकंप उन्मुख सभी क्षेत्रों में राहत एवं बचाव की सारी व्यवस्थाएं की गई हैं। धैर्य रखें, घबराएं नहीं तथा सभी आवश्यक सावधानियां बरतें।
भूकंप का कारण वाटर लेवल में कमी
गत दिनों प्रदेश में आए भूकंप के संभावित कारणों की समीक्षा में बताया गया कि वाटर लैवल में परिवर्तन इस बार आए भूकंप का संभावित कारण है। इस बार सर्वाधिक 4.3 तीव्रता का भूकंप सिवनी में आया, जिसका एपीसेंटर सिवनी शहर के ठीक नीचे था।
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मप्र में यहां आया भूकंप
मध्यप्रदेश में 22 नवंबर को सिवनी शहर में रिक्टर स्केल पर 4.3 तीव्रता का, कटंगी बालाघाट में 2.4 तीव्रता का, कुरई सिवनी में 1.8 तीव्रता का तथा बरघाट केवलारी में 2.7 तीव्रता का भूकंप आया। इसी प्रकार सात नवंबर को बड़वानी एवं अलीराजपुर के समीप 4.2 तीव्रता का, सिवनी जिले के पास ही 27 अक्टूबर को 3.3 तीव्रता का भूकंप आया, जिसके झटके मंडला और बालाघाट में भी आए, 31 अक्टूबर को छिंदवाड़ा में 3.2 तीव्रता का तथा सिवनी जिले के पास 3.5 तीव्रता का भूकंप आया।
सरकार ने दी लोगों को हिदायत
सरकार की ओर से लोगों को हिदायत दी गई है कि भूकंप के झटके आने पर जहां है वहीं रहें, संतुलित रहें। हड़बड़ी घातक हो सकती है। यदि घर के अंदर हैं, तो गिर सकने वाली भारी वस्तुओं से दूर रहें। खिड़कियों से दूर रहें। मजबूत मेज के नीचे छुपें। चेहरे व सिर को हाथों को सुरक्षा दें व कंपन रुकने तक सिर को हाथों की सुरक्षा में रखें। अगर घर से बाहर हैं तो खुली जगह तलाशें। भवनों, पेड़ों, बिजली के खंभों व तारों से दूर रहें। अगर वाहन में हो तो रुकें और अंदर ही रहें।