180 टन प्याज लेकर किसान रेल रवाना, गुरुवार को पहुंचेगी गुवाहाटी

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट।  अब मालवा (Malwa) का प्याज (Onion) गुवाहाटी (Guwahati) के लोगों के खाने के स्वाद को लजीज बनाएगा। जी हां ये सच है। दरअसल, आज मालवा क्षेत्र के किसानों द्वारा उत्पादित किया गया 180 टन प्याज किसान रेल के जरिये गुवाहाटी भेजा गया। केंद्रीय रेल मंत्री पीयूष गोयल और केंद्रीय कृषि मंत्री नरेंद्र सिंह तोमर के विशेष प्रयास और इंदौर सांसद शंकर लालवानी की पहल से ये सम्भव हो सका है। इंदौर के लक्ष्मीबाई नगर रेल्वे स्टेशन से किसान रेल में 180 टन प्याज सील पैक कर भेजा गया है और किसान रेल गुरुवार को 3 बजकर 15 मिनट पर गुवाहाटी पहुंचेगी। किसानों की उपज का अंतरराज्यीय  विक्रय देश के दो मंत्रालयों के आपसी समन्वय के चलते संभव हो सका है। मंगलवार को दोपहर 3 बजे सांसद शंकर लालवानी ने हरी झंडी दिखाकर किसान रेल को रवाना किया है। पश्चिम रेल्वे रतलाम मण्डल द्वारा चलाई गई विशेष ट्रैन 2 दिन में सफर पूरा करेगी।

ट्रेन को हरी झंडी दिखाने के मौके पर सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि किसान रेल पीएम मोदी के सपने को साकार कर किसानों के हित में लिया गया ये बड़ा फैसला है। इस ट्रेन के जरिये मालवा के किसानों के उत्पादन को राष्ट्रीय स्तर का बाजार मिलेगा। वही उन्होंने बताया कि किसान रेल किसानों के इच्छा के मुताबिक आगे भी चलाई जा सकती है। इधर, एक्सप्रेस ट्रेन के माल भाड़े को लेकर सांसद ने बताया कि किसान रेल का आधा भाड़ा सरकार तो आधा किसान द्वारा चुकाया गया है। इसके अलावा आने वाले समय मे किसान अपनी अन्य फसलों को भी बाहर भेजकर उपज का सही मूल्य पा सकेंगे।

1 माह के बाद हवाई यात्रा के जरिये मालवा के फूल, फल और सब्जियां विदेश भेजी जाएगी

किसान रेल को रवाना करने के दौरान इंदौर सांसद शंकर लालवानी ने बताया कि जल्द ही कार्गो कंपनी और एविएशन कंपनी के सदस्यों के साथ किसानों की बैठक करवाकर हवाई जहाज के जरिये किसान अपने फल फूल सहित अन्य उत्पाद विदेश भेजकर मुनाफा कमा सकेंगे। इसके लिए महज 500 रुपये के शुल्क पर किसानों को 30 मिनट में लायसेंस भी दे दिया जायेगा। फिलहाल, इंदौर से पश्चिम रेलवे की पहली किसान 180 टन प्याज लेकर लक्ष्मीबाई नगर रेलवे स्टेशन से रवाना हो गई और माना ये जा रहा है कि स्पेशल ट्रेन की सहायता से इंटर स्टेट सेल में बढ़ोतरी होगी और किसानों को उपज के सही दाम भी मिल सकेंगे। वही इंदौर से उठाये गए इस कदम को केंद्र सरकार की बड़ी कामयाबी माना जा रहा है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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