भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश में पंचायत चुनाव (MP Panchayat Election) को निरस्त कर दिया गया है। इसके साथ ही पंचायत चुनाव में ओबीसी आरक्षण (OBC Reservation) के साथ पंचायत चुनाव करवाने की तैयारी के बीच शिवराज सरकार (Shivraj government) ने एक अन्य नियम में संशोधन कर दिया। अब पंचायत चुनाव तभी होंगे जब मतदाता सूची तैयार हो जाएगी। जिस वर्ष प्रदेश में पंचायत चुनाव होंगे, उसी वर्ष 1 जनवरी की स्थिति में मतदाता सूची तैयार होती है।
इस मामले में पंचायत और ग्रामीण विकास विभाग (Panchayat and Rural development department) ने मध्यप्रदेश पंचायत निर्वाचन नियम 1995 में संशोधन कर दिए हैं। जिसके बाद 1 जनवरी 2022 की स्थिति में केंद्रीय निर्वाचन आयोग द्वारा 5 जनवरी को मतदाता सूची तैयार की जाएगी। मतदाता सूची पर मध्य प्रदेश में पंचायत चुनाव का आयोजन होगा।
इसी बीच बैठक करते हुए राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने वीसी के माध्यम से सभी जिला निर्वाचन अधिकारी और कलेक्टर को निर्देश दिए हैं। राज्य निर्वाचन आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने वीसी के माध्यम से सभी कलेक्टर्स एवं जिला निर्वाचन अधिकारी के साथ त्रि-स्तरीय पंचायतों की निर्वाचन प्रक्रिया निरस्त होने तथा एक जनवरी 2022 की संदर्भ तिथि के आधार पर पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण पर चर्चा की।
इस दौरान उन्होंने कहा कि पुनरीक्षण कार्य निर्धारित समय-सीमा में अनिवार्य रूप से करें। आयुक्त बसंत प्रताप सिंह ने कहा कि पंचायतों के आगामी आम निर्वाचन अध्यादेश क्रमांक-14 सन 2021 की वापसी के बाद निर्मित स्थितियों एवं सर्वोच्च न्यायालय के 17 दिसम्बर, 2021 के आदेश के अनुपालन में कराये जायेंगे।
आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन द्वारा अध्यादेश वापस लेने से त्रि-स्तरीय पंचायतों के परिसीमन एवं आरक्षण का स्टेटस प्रभावित हुआ है। त्रि-स्तरीय पंचायतों की स्थिति 21 नवम्बर, 2021 के पूर्व अनुसार प्रभावशील होगी। उन्होंने कहा कि ग्राम पंचायतों की वर्तमान सीमा के अनुरूप नवीन मतदाता-सूची तैयार की जाना है। परिसीमन प्रभावित होने से वर्तमान मतदाता-सूची निष्प्रभावी हो गई है।
सचिव राज्य निर्वाचन आयोग बी.एस. जामोद ने बताया कि एक जनवरी, 2022 की संदर्भ तिथि के आधार पर पंचायतों की फोटोयुक्त मतदाता-सूची के वार्षिक पुनरीक्षण का कार्यक्रम घोषित कर दिया गया है। रजिस्ट्रीकरण एवं सहायक रजिस्ट्रीकरण अधिकारी की नियुक्ति 30 दिसम्बर, 2021 तक की जायेगी।
सचिव जामोद ने बताया कि फोटोयुक्त प्रारूप मतदाता-सूची का ग्राम पंचायत एवं अन्य विहित स्थानों पर सार्वजनिक प्रकाशन 4 जनवरी, 2022 को किया जायेगा। स्टेण्डिंग कमेटी की बैठकों का आयोजन 4 एवं 5 जनवरी को किया जायेगा।
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सचिव जामोद ने कहा कि प्रारूप मतदाता-सूची के संबंध में दावा-आपत्ति केन्द्रों पर 4 से 9 जनवरी 2022 तक दावे-आपत्ति प्राप्त किये जायेंगे।इस दौरान 18 वर्ष से अधिक उम्र के मतदाता दावा प्रस्तुत कर मतदाता सूची में नाम जुड़वा सकते हैं। आपत्तियों का निराकरण 12 जनवरी तक किया जायेगा। सचिव जामोद ने कहा कि फोटोयुक्त अंतिम मतदाता-सूची का सार्वजनिक प्रकाशन 16 जनवरी, 2022 को ग्राम पंचायत तथा अन्य विहित स्थानों पर किया जायेगा।
आयुक्त बीपी सिंह ने कहा कि ग्राम पंचायत एवं उनके वार्ड, जनपद पंचायत तथा जिला पंचायत एवं उनके निर्वाचन क्षेत्र की सीमाएँ भी 21 नवम्बर 2021 के पूर्व विद्यमान स्थिति अनुसार अस्तित्व में आ गई हैं। उन्होंने कहा कि स्थानों/सीटों के आरक्षण की स्थिति भी तद्नुसार प्रभावशील हुई है, किन्तु इस संबंध में सर्वोच्च न्यायालय के आदेश का पालन किया जाना आवश्यक होगा।
आयुक्त ने कहा कि इन परिस्थितियों में पूर्व प्रचलित निर्वाचन प्रक्रिया को निरंतर रखा जाना विधि-संगत नहीं था। इसीलिये 4 दिसम्बर, 2021 को जारी पंचायत आम निर्वाचन का कार्यक्रम एवं उसके अनुसरण में की गई निर्वाचन संबंधी सभी कार्यवाहियों को निरस्त किया गया है। सिंह ने निर्देशित किया कि पूर्व घोषित निर्वाचन कार्यक्रम अनुसार प्रथम एवं द्वितीय चरण के लिये की गई नाम निर्देशन-पत्र प्राप्त करने से लेकर प्रतीक आवंटन तक की कार्यवाही से संबंधित सभी अभिलेखों का संधारण किया जाये।
आयुक्त सिंह ने कहा कि अभ्यर्थियों द्वारा जमा प्रतिभूति राशि की वापसी अभ्यर्थी से आवेदन प्राप्त कर की जाये। EVM को पुन: उनके बॉक्स में जमा कर जिला निर्वाचन अधिकारी के स्टोर रूम में सुरक्षित रखा जाये।उन्होंने बताया कि उपरोक्त परिस्थिति में आदर्श आचरण संहिता समाप्त हो गई है।