पटना: आरजेडी के पूर्व विधायक राजबल्लभ यादव को नाबालिग लड़की से रेप के मामले में पटना हाईकोर्ट से बड़ी राहत मिली है। जस्टिस मोहित शाह और जस्टिस हरीश कुमार की खंडपीठ ने मामले की सुनवाई के बाद फैसला सुनाया और उन्हें बरी कर दिया। इस मामले में हाईकोर्ट ने कहा कि आरोप साबित नहीं हुए। केस में सुनवाई के बाद 7 मई को फैसला सुरक्षित रखा गया था।
विशेष कोर्ट ने पहले सुनाई थी आजीवन कारावास की सजा
इससे पहले, स्पेशल एमपी-एमएलए कोर्ट ने राजबल्लभ यादव को दोषी ठहराते हुए आजीवन कारावास की सजा सुनाई थी। इसके साथ ही 50 हजार रुपये का जुर्माना भी लगाया गया था। इस घटना का समय 6 फरवरी, 2016 बताया गया था, जब एक 15 वर्षीय नाबालिग लड़की ने आरोप लगाया था कि जन्मदिन की पार्टी के बहाने उसे एक घर में ले जाकर नशीला पदार्थ खिलाने के बाद उसके साथ दुष्कर्म किया गया।
गवाहों की गवाही और अन्य आरोपियों की सजा
इस मामले में कुल 20 गवाहों ने अपनी गवाही दी थी। विशेष एमपी-एमएलए कोर्ट ने राजबल्लभ यादव को दोषी ठहराने के साथ ही अन्य आरोपियों के खिलाफ भी सजा सुनाई। सुलेखा देवी और राधा देवी को आजीवन कारावास की सजा दी गई थी, जबकि तीन अन्य आरोपियों को 10-10 साल की जेल की सजा सुनाई गई थी। अब हाईकोर्ट ने सभी छह आरोपियों को बरी कर दिया है।
राजबल्लभ यादव का प्रभाव और कोर्ट का फैसला
राजबल्लभ यादव बिहार के नवादा क्षेत्र के प्रभावशाली नेताओं में से एक हैं। हाईकोर्ट के इस फैसले के बाद उनके समर्थकों ने राहत की सांस ली है। कोर्ट ने साफ किया कि आरोपों को साबित करने के लिए पर्याप्त सबूत नहीं थे। इस फैसले से यह मामला अब निपट गया है और राजबल्लभ यादव कानून के अनुसार निर्दोष हैं।





