ग्वालियर।अतुल सक्सेना
कभी नाले से कीचड़ निकालना, कभी सड़क पर झाड़ू लगाना, कभी बेटे की गलती के लिए सार्वजनिक माफी मांगकर उसके साथ प्रायश्चित कर शौचालय साफ कर चर्चा में रहने वाले सिंधिया(scindia) समर्थक पूर्व मंत्री प्रद्युम्न सिंह तोमर(Pradyuman Singh Tomar) इस बार भीषण गर्मी में चप्पल का त्याग करने से चर्चा में हैं। उनका कहना है कि जब तक उनके विधानसभा क्षेत्र के एक एक घर में पानी नहीं पहुँच जाता वे चप्पल जूते नहीं पहनेंगे। वे पिछले चार दिनों से नंगे पाँव क्षेत्र का भ्रमण कर रहे हैं।
उपनगर ग्वालियर का अधिकांश क्षेत्र ग्वालियर विधानसभा(Gwalior Assembly) में आता है जहाँ पिछले 20-25 सालों से पानी की बहुत समस्या है। यहाँ पेयजल की कमी ही नहीं पीले और गंदे पानी की भी समस्या है। प्रद्युम्न सिंह तोमर विपक्ष में रहते हुए इसे खिलाफ लगातार भाजपा सरकार से संघर्ष करते रहे हैं। इस बात उनकी सरकार आई लेकिन 15 महीने मे ही चली गई और प्रद्युम्न। ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आ गए। अब उन्होंने प्रशासनिक अधिकारियों पर क्षेत्र के पेयजल समस्या हल करने के लिए दबाव बनाना शुरू कर दिया है। बीते बुधवार को वे आधी रात जो क्षेत्र के मोहल्लों में निरीक्षण के लिए पहुंचे, वहाँ उन्होंने कलेक्टर, निगम कमिश्नर सहित पेयजल से जुड़े अफसरों को बुला लिया और उन क्षेत्रों की पेयजल समस्या तुरंत दूर हो गई। उसके बाद पूर्व मंत्री ने तय किया कि वे तब तक चप्पल नहीं पहनेंगे जबतक हर घर में पानी नहीं पहुँच जाता।
पूर्व मंत्री बोले मैं माता बहनों और श्रमिकों की तकलीफ महसूस करना चाहता हूँ
मीडिया ने जब पूर्व मंत्री से चप्पल त्यागने का कारण पूछा तो उनका जवाब था, ” जाके पाँव ना फटे बिमाई वो क्या जाने पीर पराई ” । उन्होंने कहा कि आज 45-46 डिग्री में मजदूर श्रमिक परेशान है, मेरी विधानसभा के मजदूर, माताएं बहने पानी के लिए नंगे पैर भटक रहीं हैं तो मुझसे इनकी तकलीफ देखी नहीं गई। इसलिए मैने सोचा कि क्यों ना मैं भी चप्पल त्याग दूँ और इन्हीं की तरह भीषण गर्मी में नंगे पाँव चलूँ। आज मैं घर घर जाकर लोगो की समस्या पूछ रहा हूँ और उसका निदान कराने के लिए प्रशासन पर दबाव बना रहा हूँ। उन्होंने कहा कि जब तक मेरे क्षेत्र के एक एक घर की पानी की समस्या दूर नहीं हो जाती है तब तक मैं चप्पल नहीं पहनूँगा। अब कयास लगाए जा रहे हैं कि यदि दो दिन बाद शिवराज मंत्रिमंडल का विस्तार होता है जिसमें प्रद्युम्न सिंह तोमर का मंत्री बनना तय है तो उसमें भी तोमर नंगे पाँव ही शपथ लेंगे।