भोपाल, डेस्क रिपोर्ट| मध्य प्रदेश (Madhyapradesh) की 28 सीटों पर होने वाला उपचुनाव (By-election) सरकार और कई दिग्गजों का भविष्य तय करने वाला चुनाव होगा| इस चुनाव में एक दर्जन मंत्रियों की साख भी दांव पर है, जो कांग्रेस (Congress) छोड़ भाजपा (BJP) में आये और अब भाजपा की टिकट से चुनावी मैदान में हैं| वहीं शिवराज सरकार (Shivraj Government) में गैर विधायक दो मंत्रियों का कार्यकाल 21 अक्टूबर को ख़त्म हो रहा है| ऐसे में चुनाव पूर्व उन्हें मंत्री पद छोड़ना होगा|
दरअसल, मार्च महीने में हुए बड़े सियासी उलटफेर के दौरान ज्योतिरादित्य सिंधिया खेमे के 22 विधायक भाजपा में चले गए थे। इस दलबदल के कारण कांग्रेस सरकार गिर गई थी| जिसके बाद भाजपा सरकार बनाने में सफल रही और शिवराज सिंह चौहान चौथी बार मुख्यमंत्री बने| इसके बाद तीन और कांग्रेस विधायकों ने इस्तीफा देकर भाजपा का दामन थाम लिया| इन पूर्व विधायकों में से दो को पहले मंत्रिमंडल गठन में स्थान मिला और फिर कैबिनेट विस्तार में 12 पूर्व विधायकों को मंत्री बनाया गया| ऐसे में अब 14 मंत्री विधायक बनने के लिए चुनाव लड़ रहे हैं|
दो मंत्रियों को छोड़ना होगा पद
इस उपचुनाव में मतदान से पहले ही प्रदेश के दो मंत्रियों जल संसाधन मंत्री तुलसी सिलावट और परिवहन मंत्री गोविंद राजपूत को मंत्री पद छोड़ना पड़ेगा| कांग्रेस लगातार इसकी मांग कर रही है| संवैधानिक रूप से किसी भी व्यक्ति को बिना विधानसभा चुनाव जीते अधिकतम 6 माह तक ही मंत्री बनाया जा सकता है| सिलावट और राजपूत को मंत्री बने 6 माह का समय 21 अक्टूबर को पूरा हो रहा है| ऐसे में संवैधानिक रूप से अब यह दोनों बिना विधायक बने मंत्री नहीं रह सकते। बता दें कि सिलावट सांवेर से और राजपूत सुरखी से चुनाव लड़ रहे हैं|
बगावत का फैसला सही या गलत..तय करेगा चुनाव
प्रदेश की 28 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में मंत्रियों की साख दांव पर है| अब तक कांग्रेस इन्हे ‘गद्दार’ कहकर जनता के बीच पार्टी छोड़ने का मुद्दा भुना रही है| ऐसे में यह चुनाव तय करेगा कि इनका इस्तीफ़ा देकर सरकार गिरा देना क्या सही फैसला था, या नहीं| मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और ज्योतिरादित्य के लिए भी यह नाक का सवाल है, ऐसे में दोनों ही नेता जी जान से इन प्रत्याशियों की जीती के लिए जुट गए गए हैं|
यह मंत्री विधायक बनने लड़ रहे चुनाव
जो गैर विधायक मंत्री चुनाव लड़ रहे हैं, उनमे सुमावली से एंदल सिंह कंसाना, दिमनी में गिर्राज दंडोतिया, मेहगांव में ओपी एस भदौरिया, ग्वालियर से प्रदुम सिंह तोमर, डबरा से इमरती देवी, पोहरी से सुरेश धाकड़, बमोरी से महेंद्र सिंह सिसोदिया, मुंगावली से बृजेंद्र सिंह यादव, अनूपपुर में बिसाहूलाल सिंह, सांची से प्रभुराम चौधरी, बदनावर से राजवर्धन सिंह दत्तीगांव, सुवासरा से हरदीप सिंह डंग|