Wed, Dec 24, 2025

दमोह फर्जी डॉक्टर केस के बाद एक्शन में स्वास्थ्य विभाग, अब अस्पतालों को देना होगा स्टांप पेपर पर एफिडेविट

Written by:Shruty Kushwaha
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पिछले दिनों दमोह जिले में फर्जी डॉक्टर के पकड़ में आने के बाद अब स्वास्थ्य विभाग सतर्क हो गया है। इस गंभीर मामले ने चिकित्सा व्यवस्था की खामियों को उजागर किया, जहां बिना वैध डिग्री और रजिस्ट्रेशन के व्यक्ति मरीजों का इलाज कर रहा था। इस घटना के बाद जबलपुर के CMHO ने जिले के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए एक पत्र जारी करते हुए दिशानिर्देश दिए हैं।
दमोह फर्जी डॉक्टर केस के बाद एक्शन में स्वास्थ्य विभाग, अब अस्पतालों को देना होगा स्टांप पेपर पर एफिडेविट

Jabalpur CMHO directives : दमोह में फर्जी डॉक्टर के खुलासे के बाद मध्यप्रदेश में स्वास्थ्य विभाग एक्शन में आ गया है। जबलपुर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉ. संजय मिश्रा ने एक पत्र जारी कर जिले के सभी निजी और सरकारी अस्पतालों के लिए सख्त निर्देश जारी किए हैं।

CMHO कार्यालय से जारी आदेश के अनुसार, अब जिले के सभी अस्पतालों को अपने यहां कार्यरत डॉक्टरों की शैक्षणिक योग्यता और वैध रजिस्ट्रेशन की जानकारी अनिवार्य रूप से सीएमएचओ कार्यालय में दर्ज करानी होगी।

एफिडेविट देना अनिवार्य

सीएमएचओ द्वारा जारी पत्र में सभी अस्पतालों को कहा गया है कि वो सुनिश्चित करें कि सिर्फ योग्य और अधिकृत डॉक्टरों से ही इलाज करवाया जा रहा है। इस आशय का एफिडेविट 100 के स्टांप पेपर पर अस्पतालों को देना अनिवार्य किया गया है। एफिडेविट में यह स्पष्ट रूप से उल्लेख करना होगा कि अस्पताल में कार्यरत सभी डॉक्टर वैध डिग्रीधारी हैं और उनका रजिस्ट्रेशन संबंधित परिषद में पंजीकृत है।

बाहरी डॉक्टरों पर भी निगरानी

आदेश में कहा गया है कि मध्यप्रदेश के बाहर से आने वाले किसी भी डॉक्टर को इलाज करने की अनुमति नहीं दी जाएगी यदि उसके पास वैध डिग्री और रजिस्ट्रेशन नहीं है। यह कदम राज्य में अवैध रूप से प्रैक्टिस करने वाले फर्जी डॉक्टरों पर रोक लगाने के उद्देश्य से उठाया गया है।

उल्लंघन पर होगी सख्त कार्रवाई

सीएमएचओ डॉ. संजय मिश्रा ने स्पष्ट किया है कि यदि कोई अस्पताल इन दिशानिर्देशों का पालन नहीं करता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार वैधानिक कार्रवाई की जाएगी। स्वास्थ्य विभाग द्वारा दमोह जैसी घटनाओं की पुनरावृत्ति रोकने के लिए ये दिशानिर्देश जारी किए गए हैं।

जबलपुर से संदीप कुमार की रिपोर्ट

Hospital affidavit guidelines