Puran Poli Recipe : घर पर ऐसे बनाएं पूरन पोली रेसिपी, जानें विधि

गुड़ीपर्वा, उगादी और हर पारिवारिक उत्सव तथा शुभ अवसर पर विंध्याचल पर्वतमाला तथा नर्मदा मैया के दक्षिण वाले पठार में अरब महासागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक के त्रिकोणीय भूभाग में जो दक्खन कहलाता है वहां पूरन पोली बनाई जाती है। इसे मिष्ठात्र के रूप में भी परोसा जाता है।

Amit Sengar
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Puran poli Recipe

Puran Poli Recipe : पूरन पोली एक लोकप्रिय महाराष्ट्रीयन मीठी रोटी है जिसे आटे, दाल, गुड़ और इलायची से बनाया जाता है। जिसे गुड़ीपर्वा, उगादी और हर पारिवारिक उत्सव तथा शुभ अवसर पर विंध्याचल पर्वतमाला तथा नर्मदा मैया के दक्षिण वाले पठार में अरब महासागर से लेकर बंगाल की खाड़ी तक के त्रिकोणीय भूभाग में जो दक्खन कहलाता है वहां पूरन पोली बनाई जाती है। इसे मिष्ठात्र के रूप में भी परोसा जाता है और तेज मसालों वाली नमकीन तरकारी के साथ भी इलायची की सुवास इसमें रची-बसी रहती है और मिठास का पुट देता है गुड़। घी का उपयोग खुले हाथ से किया जाता है।

सामग्री : –

चना दाल 1 कप, गेहूं का आटा 1 कप, गुड़ शक्कर 1 कप, कुटी इलायची 14 छोटा चम्मच, जायफल 14 कीसा हुआ, हल्दी पाउडर 14 छोटा चम्मच, घी/ तेल तलने एवं चुपड़ने के लिए।

विधि : –

दाल को धो लें। फिर 12 घंटा पानी में भिगोने के बाद पानी निथारकर 3 कप पानी मिलाकर कुकर में धीमी आंच पर 6-7 सीटी तक पकाएं। कुकर ठंडा होने के बाद इसमें जायफल, इलायची, गुड़ या शक्कर मिलाकर दरदरा पीस लें। गेहूं के आटे में थोड़ा-थोड़ा पानी मिलाकर गूंध लें। अब बराबर हिस्सों में बांटकर व लोइयां बनाकर बेल लें। दाल के मिश्रण का एक भाग रेटी पर रखें। किनारे से रोटी को उठाकर गेंद का रूप दें और चपटा करके दुबारा बेल लें। गर्म तवे पर घी या तेल की हल्की परत लगाएं। इस पर पूरन पोली को धीमी आंच दोनों तरफ से सुनहरा भूरा होने तक सेंकें। तवे से उतारकर प्लेट पर रख लें। इसी तरह बाकी पूरन पोली भी तैयार करें। जितना चाहें ऊपर से घी लगा दें।

*Disclaimer :- यहाँ दी गई जानकारी अलग अलग जगह से जुटाई गई सामान्य जानकारी है, Mpbreakingnews दी गई जानकारी की पुष्टि नहीं करता है।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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