Shani Dev : हिंदू धर्म में शनि देव को न्याय का देवता कहा जाता है, जो कि भक्तों को उनके कर्मों के अनुसार परिणाम देते हैं। शनि महाराज का नाम सुनते ही लोगों के माथे पर शिकंज और पसीना नजर आने लगता है। ऐसी मान्यता है कि शनि देव की क्रुर दृष्टि जातकों के जीवन को तहस-नहस कर सकती है, तो वहीं शनि देव की अच्छी दृष्टि जातकों को रातों-रात रंक से राजा बना सकती है।
वैसे तो शनि देव की पूजा-अर्चना का विधान शनिवार को है। भक्तगण इस दिन पूजा करके शनि देव को प्रसन्न करने का प्रयास करते हैं। इसके अलावा भी, कई अन्य उपायों के माध्यम से शनि देव को खुश किया जा सकता है।
होती है ये समस्याएं
कुंडली में यदि शनि की स्थिति कमजोर हो, तो यह बहुत सारी समस्याओं का कारण बनते हैं। यदि आपके कुंडली में दोष है, तो शादी का लग्न नहीं बनेगा। लाख हाथ-पैर मारने के बावजूद भी शादी नहीं होगी। इसके अलावा, इंसान के जीवन में कई सारी बीमारियों का कारण भी बनते हैं, जो कि जल्दी सही नहीं होती। बता दें कि यह बीमारियां काफी लंबे समय तक चलती है, जिस कारण आप स्वस्थ नहीं रहते।
इन रोगों से हो सकते हैं ग्रसित
ज्योतिष शास्त्रों की मानें तो शनि शीतल और शुष्क ग्रह है। इस कारण यदि आपकी कुंडली में इस ग्रह की स्थिति कमजोर है, तो आपको गठिया या जोड़ों में दर्द जैसी बीमारियां हो सकती है। यह इंसान के लिए काफी ज्यादा तकलीफदायक भी मानी जाती है। इससे लोगों को चलने में परेशानी आती है। यह ऐसी बीमारियां होती है, जिनका इलाज डॉक्टरों द्वारा करने के बाद भी सही नहीं होता। आप दवाईयों के आदि हो सकते हैं, लेकिन कुछ उपाय हैं, जिन्हें करके आप इन परेशानियों से दूर हो सकते हैं।
करें ये उपाय
ज्योतिषों ने कुंडली में शनि की स्थिति को मजबूत करने के लिए बहुत सारे उपाय बताए हैं। जिनमें से एक उपाय आपको अवश्य करना चाहिए, जिससे आप बीमारियों से कोसों दूर बने रहेंगे। उसके लिए आपको हर दिन पीपल वृक्ष के नीचे 15 से 20 मिनट तक ध्यान करना है। इसके अलावा, शनिवार को साफ वस्त्र धारण करके मंदिर में शनि देव की पूजा करें। साथ ही राम भक्त हनुमान की भी पूजा करनी चाहिए, इससे आपके जीवन में आने वाली तमाम तरह की परेशानियां दूर हो जाएगी और आपकी कुंडली में शनि की स्थिति मजबूत भी हो जाएगी।
(Disclaimer: यहां मुहैया सूचना सिर्फ मान्यताओं और जानकारियों पर आधारित है। MP Breaking News किसी भी तरह की मान्यता, जानकारी की पुष्टि नहीं करता है। किसी भी जानकारी या मान्यता को अमल में लाने से पहले संबंधित विशेषज्ञ से सलाह लें।)