ग्वालियर, अतुल सक्सेना
सेंट्रल जेल ग्वालियर में अपने अपराधों की सजा भुगत रहे 40 बंदियों को जेल में रहते उनके अच्छे रिकॉर्ड व चाल चलन के कारण 15 अगस्त को जेल की सजा से रिहाई दी गई। सभी बंदियों को शॉल , श्रीफल, रिहाई प्रमाण पत्र और जेल में उनके द्वारा किये गए श्रम का पारिश्रमिक दिया गया।
जेल अधीक्षक मनोज साहू ने एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ को जानकारी देते हैं बताया कि शासन की योजना के तहत 15 अगस्त को अच्छे आचरण वाले और सजा पूरी कर चुके बंदियों को रिहा किया जाता है उसी के अनुसार इस बार 40 बंदियों को रिहा किया जा रहा है इसमें 28 बंदी ऐसे हैं जो पेरौल पर थे एवं 12 जेल में थे। पैरोल पर छूटे बंदी आज सुबह ही जेल में पहुंचे थे। सभी को अच्छे आचरण और रिकॉर्ड के कारण शासन के आदेश पर रिहा किया गया। उन्होंने बताया कि इनमें अधिकांश बंदी हत्या या हत्या जैसे ही अन्य अपराध में आजीवन सजा भुगत रहे थे। सभी कि सजा पूरी हो चुकी थी। इनमें कुछ तो ऐसे भी थे जो 18 या 20 साल सजा काट चुके हैं। अधीक्षक जेल ने बताया कि रिहाई के समय सभी बंदियों को शॉल, श्रीफल, रिहाई का सर्टिफिकेट और सजा के दौरान इनके द्वारा किये गए श्रम यानि काम का पारिश्रमिक यानि राशि इन्हें दी गई। इस दौरान सोशल डिस्टेंसिंग का पालन कराया गया एवं इस बात का भी ध्यान रखा गया कि परिजनों की संख्या भी कम ही रहे।
अधीक्षक ने बताया कि रिहा हो रहे सभी बंदियों को समझाया गया है कि उन्होंने अपने जीवन के महत्वपूर्ण साल जेल में बिताए हैं। अब वो रिहा हो रहे हैं तो अपना समय परिवार और समाज को दे। उधर रिहा हो रहे बंदियों ने भी कहा कि अब प्रयास करेंगे कि जीवन में ऐसी गलती दोबारा ना हो कि फिर से जेल आना पड़े।