Shani Jayanti: शनिदेव को न्याय और कर्मफल दाता के देवता के रूप में जाना जाता है। इस दिन भक्त विधि-विधान से शनिदेव की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शनि जयंती भगवान शनिदेव का जन्मदिन है, जिन्हें न्याय और कर्मफल का देवता माना जाता है। यह हिंदू धर्म के सबसे महत्वपूर्ण त्योहारों में से एक है। साल 2024 में शनि जयंती का त्योहार 8 मई को मनाया जा रहा है। इस दिन, भक्त भगवान शनिदेव की पूजा करते हैं और उनसे आशीर्वाद प्राप्त करते हैं। शनि जयंती पूजा में आरती एक महत्वपूर्ण अनुष्ठान है। आरती के दौरान, भक्त भगवान शनिदेव की प्रतिमा या मूर्ति के सामने दीप जलाते हैं और मंत्रों का जाप करते हैं।
सरसों के तेल का दीपक
शनिदेव को प्रसन्न करने के लिए सरसों के तेल का दीपक जलाना सर्वोत्तम माना जाता है। शनि जयंती के दिन, घर के मंदिर में या पीपल के पेड़ के नीचे, शनिदेव की प्रतिमा या मूर्ति के सामने सरसों के तेल का दीपक जलाएं। शनि जयंती पर दीपक का उपाय करने से जीवन के सभी प्रकार की परेशानियों और अशुभ प्रभावों से मुक्ति प्राप्त की जा सकती है। शनि देव की कृपा पाने के लिए हमेशा सरसो के तेल से दीपक जलाना चाहिए। शनि जयंती के अवसर पर शनि देव के सामने सरसो के तेल से जरूर दीपक जलाना चाहिए। इससे शनि देव प्रसन्न होते हैं और परेशानियों से राहत मिलती है। शनि जयंती पर दीपक जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियां कम होती हैं। शनि दोष से राहत मिलती है और कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति का प्रभाव कम होता है।
पीपल के पेड़ का उपाय
पीपल का पेड़, शनिदेव का प्रिय वृक्ष माना जाता है। इस दिन, पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाकर शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। पीपल के पेड़ के नीचे दीप जलाने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में आने वाली परेशानियां कम होती हैं। शनि दोष से राहत मिलती है और कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति का प्रभाव कम होता है। दीप जलाने से रोग, कर्ज, शत्रु, भय आदि से मुक्ति मिलती है। मानसिक शांति और समृद्धि प्राप्त होती है।
शनि चालीसा का पाठ
इस दिन, शनि चालीसा का पाठ करके शनिदेव को प्रसन्न किया जा सकता है। शनि चालीसा का पाठ करने से शनिदेव प्रसन्न होते हैं और जीवन में सुख-समृद्धि आती है। शनि दोष से राहत मिलती है और कुंडली में शनि की अशुभ स्थिति का प्रभाव कम होता है। रोग, कर्ज, शत्रु, भय आदि से मुक्ति मिलती है। मानसिक शांति और आत्मविश्वास में वृद्धि होती है।
(Disclaimer- यहां दी गई जानकारी सामान्य मान्यताओं के आधार पर बताई गई है। MP Breaking News इसकी पुष्टि नहीं करता।)