जबलपुर।संदीप कुमार।
भारत चीन के बीच सीमा मे उपजे विवाद के बीच भारतीय सेना के लिए बम, गोला बारूद, तोप और अन्य घातक हथियार बनाने वाली फैक्ट्रियों में जुलाई के दूसरे सप्ताह से ताले लटक सकते हैं। केंद्र सरकार के निगमीकरण के फैसले के खिलाफ सुरक्षा संस्थानों के कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान किया है ।
कर्मचारी संगठनो द्वारा हड़ताल को लेकर की गई गेट मीटिंग और मतदान मे 98 प्रतिषत कर्मचारियो ने हड़ताल का रास्ता अख्तियार करने पर सहमति जताई है। जुलाई के दूसरे सप्ताह से प्रस्तावित इस हड़ताल के दौरान कर्मचारी काम नहीं करेंगे और सरकार के फैसले की खिलाफत करते रहेंगे। दरअसल केंद्र सरकार ने देश की 41 आयुध निर्माणियों को निगमीकरण के दायरे में लाने का प्रस्ताव पास किया है, जिसके खिलाफ लगातार आंदोलन किए जा रहे हैं। सरकार को कई बार आगाह करने के बाद भी जब उनकी मांग पूरी नहीं हुई तो कर्मचारियों ने देशव्यापी हड़ताल का ऐलान कर दिया है। इसके पूर्व भी कर्मचारी देशव्यापी हड़ताल कर चुके है लेकिन उस वक्त सरकार ने उनकी मांगो पर ध्यान देते हुए विचार करने का आश्वासान दिया था। आयुध निर्माणियों के कर्मचारी इस बात से हैरान है कि एक तरफ सेना को मजबूत करने के दावे सरकार कर रही है और दूसरी तरफ पिछले दरवाजे से सुरक्षा संस्थानों को निजी हाथों में सौंपने की साजिश रची जा रही है। गुस्साए कर्मचारियों ने सरकार के इस फैसले को देश की सुरक्षा के लिए घातक तो बताया ही साथ ही जबलपुर की अस्मिता से भी खिलवाड़ करार दिया। इसके पीछे दलील दी गई है कि जबलपुर में चल रहे करीब आधा दर्जन सुरक्षा संस्थानों में लाखों कर्मचारी काम करते हैं और उनके जरिए ही जबलपुर के बाजार में सालाना हजारों करोड़ का कारोबार होता है। कर्मचारियों का मानना है कि अगर सुरक्षा संस्थानों के निगमीकरण के फैसले पर अमल किया गया तो कर्मचारियों के सामने न केवल रोजी-रोटी का संकट पैदा हो जाएगा बल्कि जबलपुर के विकास की रफ्तार भी थम जाएगी।