इंदौर, आकाश धोलपुरे। लॉक रिटर्न या यूं कहा जाए कि कोरोना रिटर्न जी हां कोरोना की दूसरी लहर में एक बार फिर मध्यप्रदेश में इंदौर सबसे ज्यादा चपेट में आ रहा है लिहाजा, शनिवार रात 10 बजे से सोमवार सुबह 6 बजे तक 36 घण्टे का लॉक डाउन लगाया गया और रविवार को इंदौर में दोबारा लॉक डाउन के नजारे कुछ ऐसे देखने को मिले की मानो फिर से इंदौर एक साल पीछे चला गया। जहां शहर में सुबह 10 से 11 बजे तक दूध वितरण को मिली छूट के चलते आम तौर पर संडे की सुबह जैसा माहौल नजर आया। वही दूसरी ओर 11 बजे के बाद पुलिस ने सख्ती दिखाना शुरू कर दी।
इसके पहले पुलिस की टीम के अलग अलग दल शहर के प्रमुख चौराहों और स्थानों पर बैरिकेडिंग कर हर आने जाने वाले से उनके बाहर निकलने का कारण पूछती नजर आई तो कई स्थानों पर फिजूल में घर से बाहर निकले युवाओ को डांट फटकार लगाकर उन्हें वापस घर जाने को मजबूर कर दिया। शहर के ह्रदय स्थल राजबाड़ा पर सन्नाटा पसरा रहा वही ये सन्नाटा विजयनगर, बापट चौराहा, देवास नाका, भंवरकुआ, बाणगंगा, राजेन्द्र नगर, द्वारकापुरी, चंदन नगर, राजमोहल्ला, बड़ा गणपति चौराहा, मूसाखेड़ी, तीन इमली सहित शहर के आंतरिक स्थानों पर भी देखने को मिला।
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हालांकि लॉकडाउन के बीच चहलकदमी पीएससी स्टूडेंट्स की देखने को मिली जो बसों और रिक्शाओं के जरिये अपने परिजनों के साथ पीएससी एग्जाम देने इंदौर पहुंचे। बता दे कि शहर के 13 केंद्रों में पीएससी की एग्जाम संचालित को जा रही है। और हर केंद्र पर बकायदा प्रतिभागियों के प्रवेश पत्र के साथ ही टेम्परेचर की जांच भी की गई और उन्हें सेनेटाइज किया गया। ये ही वजह रही कि शहर में ऑटो रिक्शा और सिटी बसे इस रविवार को संचालित होते दिखाई दिए।
वही बाहर से ट्रेन और बसों के जरिये आने वाले यात्रियों को भी उनकी मंजिल तक पहुंचाने के लिए बस और रिक्शा बस स्टैंड और रेलवे स्टेशन पर तैयार रही। इधर, कई यात्री लॉक डाउन से अनभिज्ञ नजर आए और वे पैदल ही आगे बढ़ गए। इसके अलावा इंदौर से बाहर जाने वाली बसे खाली रही जिसके चलते ड्रायवर व कंडक्टर परेशान दिखाई दिए।
वही शहर के राजबाड़ा, एम.जी. रोड़, जवाहर मार्ग, राजमोहल्ला समेत अन्य स्थानों पर लॉक डाउन के कारण सड़के सूनी पड़ी रही जहां केवल मेडिकल इमरजेंसी, पुलिस व सरकारी कर्मचारी आते जाते दिखाई दिए। हालांकि लॉक डाउन का ये पहला साप्ताहिक दिन है और अब हर रविवार को इसी तरह से पाबंदी अगले आदेश तक जारी रहेंगी। यदि कोरोना संक्रमण के फैलाव पर लगाम लगी तो ही लॉक डाउन से मुक्ति मिलेगी नही तो आने वाले समय मे सरकार व प्रशासन कड़े फैसले लेने पर मजबूर हो सकती है।