जबलपुर।संदीप कुमार
सरकार-शराब का विवाद धीरे धीरे गरमाता जा रहा है।लॉकडाउन के बीच सरकार के आदेश को मानते हुए शराब ठेकेदारों ने दूकाने तो खोली पर बिक्री कम होने का हवाला देते हुए शराब ठेकेदारों ने इसे अपना नुकसान बताया है।अब ठेकेदारों ने सरकार को अपनी सुविधा का अल्टीमेटम देते हुए 594 करोड़ की शराब दूकान बंन्द कर दी है ।बात करे अगर जबलपुर की तो जिले में करीब 150 देशी-अंग्रेजी शराब दूकाने है और इन परिस्थितियों में ठेकेदारों को घाटा भी हो रहा है।जिसके कारण ठेकेदारों ने आज से सभी शराब दूकानों को बंद कर दिया है।शराब ठेकेदार बिट्टू सहगल ने बताया कि सरकार से हमारी हर स्तर से बात हुई पर नतीजा बिना सार्थक रहा है यही कारण है कि दूकाने बंन्द करने का अब निर्णय लिया गया है।उन्होंने कहा कि शराब बेचने को लेकर सरकार कोई निष्कर्ष नही निकाल पा रही है।हाल ही में एक हाई पावर कमेटी की बैठक भी हुई पर उसमे भी कुछ सार नही निकला।शराब विक्रेताओं की माने तो जो राहत हम सरकार से चाह रहे थे वो हमें नही मिली और घाटे के बीच शराब बेचने से नुकसान हो रहा है,वही जो सरकार के पास 33 करोड़ रु जमा है वो भी राजसात होते हुए अब नजर आ रहे है।
सरकार की धमकी से भी शराब ठेकेदार परेशान
ठेकेदारो का कहना है कि लॉक डाउन के बीच शराब बेचने पर नुकसान हो रहा है और सरकार है कि धमकी देकर दूकाने खुलवा रही है। ऐसे में अगर हम सरकार की बात नही मानते है तो ब्लैक लिस्ट करने की धमकी दी जाती है साथ ही बाकी की रकम जबरन वसूल करने की बात कही जा रही है इस सबके बीच आज शराब ठेकेदार परेशान है।आज लॉक डाउन के चलते बार-अहाते बंन्द है,कोई कार्यक्रम नही हो रहा है,144 धारा के कारण लोग घरों मे है और शराब ठेकेदारो को बोला जा रहा है कि दूकान खोला जाए।कही से भी सरकार का रवैया ठेकेदारो के प्रति ठीक नही है यही कारण है कि अब शराब दुकान न खोले जाने का निर्णय लिया गया है।बहरहाल आज हाई कोर्ट में शराब ठेकेदारों और राज्य सरकार के मामले की सुनवाई है।अब देखना ये होगा कि क्या हाई कोर्ट ठेकेदारों के पक्ष में निर्णय देता है या फिर राज्य सरकार की शर्तों पर ही शराब ठेकेदारों को दूकान खोलना पड़ता है।
यह चाह रहे है ठेकेदार-राज्य सरकार बोल रही है कोरोना वायरस है अभी
राज्य सरकार कोरोना वायरस का हवाला देते हुए बार-अहाते नही खोलने की बात कह रही है तो वही शराब ठेकेदारों की मांग है कि शराब दुकान के खोलने का समय रात 11 बजे तक हो।इसके अलावा बार-अहाते भी खोलने की अनुमति सरकार दे।क्योकिं शराब का व्यापार रात को ही ज्यादा होता है।