उज्जैन।
प्रदेश में फैले कोरोना(corona) संकट और लॉकडाउन(lockdown) के बीच सोमवार से प्रदेश में मंदिरों(temples) के पट खुल गए। करीबन 80 दिन तक भगवान(god) और भक्त के बीच कोरोना ने दुरी बना रखी थी। लेकिन आज जैसे ही मंदिर के द्वार खुले लोगों की भक्ति उन्हें भगवान तक ले आई। इसी बीच सोमवार को बाबा महाकाल(mahakal) का भी मंदिर खोला गया। जिसके बाद सरकार के गाइडलाइन(guideline) के मुताबिक लोगों ने महाकाल के दर्शन किये। वहीँ बाबा के दर्शन करने सुबह कृषि मंत्री कमल पटेल भी मंदिर पहुंचे।
दरअसल काेरोना को देखते हुए मंदिर में पूजन सामग्री लेकर जाने पर प्रतिबंध है। भक्त केवल बाबा के दर्शन कर सकते हैं।इसके बावजूद कमल पटेल के हाथों में पूजन सामग्री नजर आई। जहाँ मंदिर के पुजारियों ने सामग्री ली। वहीँ उन्होंने बाबा महाकाल के दर्शन किये। जिसके बाद मीडिया से बात करते हुए कमल पटेल ने कहा कि देश का नौजवान परिश्रमी और मेहनती हैं। उसे कोरोना का असर नहीं होगा। उन्होंने कहा कि कोरोना का ज्यादा असर उन्हीं पर हो रहा है जो 65 साल के ऊपर हैं। जो बीमार हैं। बाकी जो युवा मेहनत करते हैं खून-पसीना बहाते हैं। उन्हें कोरोना का खतरा नहीं है। वहीँ उन्होंने कहा कि सोशल डिस्टेंसिंग का पालन किया जा रहा है लोग कोशिश कर रहे हैं। लेकिन मजबूरी में लेाग थाेड़ी पास आ जाते हैं। लेकिन नुकसान संक्रमित व्यक्ति के संपर्क में आने से फैलता है। जो लोग यहां चल फिर कर आ रहे हैं, ये काेरोना पीड़ित नहीं हैं।
बता दें कि प्रदेश में 8 जून से मंदिर, मस्जिद,गुरूद्वारे, चर्च सहित सभी धार्मिक स्थल खोले जा रहे हैं। लेकिन कोरोना को देखते हुए सरकार ने सभी जिला कलेक्टरों को पत्र लिखकर निर्देश दिया था कि सभी धार्मिक प्रतिष्ठानों में कोविड-19 संक्रमण फैलने से रोकने के लिये सारी आवश्यक सावधानियां बरती जाएं। सभी जिला कलेक्टर सहित मुख्य चिकित्सा अधिकारी, स्वास्थ्य अधिकारी तथा सभी खंड चिकित्सा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि धार्मिक स्थलों पर कोरोना संक्रमण रोकने संबंधी समस्य सावधानियां रखी जाएं और सोशल डिस्टेंस का पालन करना सुनिश्चित हो। यहां आने वाले लोगों को आपस में 6 फीट की दूरी रखने तथा मास्क पहनना अनिवार्य होगा। इसी के साथ धार्मिक स्थल पर दी जाने वाली भेंट आदि को लेकर भी सतर्कता रखने के निर्देश दिए गए हैं।