नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। वित्त वर्ष 2021-22 और एसेसमेंट ईयर 2022-23 (Assessment Year 2022-23) के लिए इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने की आखिरी तारीख 31 जुलाई 2022 तय की गई है।
बता दे,जिन करदाताओं के खातों का ऑडिट नहीं किया जाना है, उनके लिए आयकर रिटर्न दाखिल करने की यह अंतिम तिथि है। इनकम टैक्स एक्ट के मुताबिक, एम्प्लॉयर को अपने कर्मचारियों को 15 जून तक फॉर्म-16 जारी करना होगा। अगर किसी कर्मचारी के वित्तीय वर्ष के दौरान टीडीएस काटा गया है, तो उस एम्प्लॉयर को अपने कर्मचारी को टीडीएस सर्टिफिकेट जारी करना होगा।
लेकिन इस बीच, जिन लोगों ने नौकरी बदली है, उन्हें अपनी दोनों कंपनियों से फॉर्म-16 लेना होगा। हालांकि, ये प्रक्रिया थोड़ी सी जटिल है। इस दौरान कुल टैक्सबेल इनकम, एचआरए, एलटीए और टैक्स छूट को कैलकुलेट करने में परेशानी होती है।
ये भी पढ़े … चीन की विस्तारवादी नीति बरकरार, भारत के बाद अब नेपाल की जमीन हड़पने के चक्कर में ड्रैगन
तो आइये इस लेख में जानते है, दो फॉर्म-16 होने पर कैसे भरें आयकर रिटर्न –
- सबसे पहले उन सभी एंप्लॉयर्स से फॉर्म-16 लें, जिनमें आपने फाइनेंशियल ईयर 2021-22 में काम किया है, जहां मौजूदा से लेकर पूर्व एंप्लॉयर्स तक शामिल हैं। आपको जो सैलरी मिली है उसका ब्रेकअप फॉर्म-16 के पार्ट बी में लिखा जाएगा। जो भी खाते पर टैक्स छूट मिलती है और डिडक्शन भी लिखा होगा। ITR फाइल करते समय आपको सभी कॉलम एक-एक करके भरने होंगे।
- करदाता को सभी एंप्लॉयर्स से प्राप्त फॉर्म-16 में लिखी प्रत्येक वस्तु को अलग-अलग जोड़ना होगा। जैसे हर कंपनी में मिलने वाली ग्रॉस सैलरी को एक साथ जोड़ना होगा। सभी फॉर्म-16 में उल्लिखित एचआरए और एलटीए को जोड़ना होगा। एक बार यह जरूर देख लें कि आप कितना एचआरए और एलटीए क्लेम करने के हकदार हैं। आप एलटीए पर टैक्स छूट का दावा तभी कर सकते हैं जब आपने वित्तीय वर्ष के दौरान यात्रा की हो और आपने अपने नियोक्ता को इसका सबूत जमा किया हो।
- बेशक आपके पास एक से ज्यादा फॉर्म 16 हों, लेकिन आप बीमा, पीपीएफ, ईपीएफ और 1.50 लाख रुपये से अधिक के होम लोन की मूल राशि पर 80सी के तहत टैक्स छूट का दावा नहीं कर सकते। प्रत्येक फॉर्म 16 में वेतन आय में 50,000 रुपये की मानक कटौती का उल्लेख किया जाएगा। लेकिन 50,000 रुपये + 50,000 रुपये की मानक कटौती का उल्लेख दो फॉर्म 16 में किया जाएगा। लेकिन आप 1 लाख रुपये की मानक कटौती का लाभ नहीं ले सकते क्योंकि सीमा केवल 50,000 रुपये है।
- एक बार आप देख लें कि क्या कंपनियों ने आप पर जितनी टैक्स देनदारी है उतनी ही कटौती की है। इसे फॉर्म-16 के पार्ट-ए में देखा जा सकता है। अगर आप पर कोई टैक्स देनदारी है तो आपको उसका भुगतान करना होगा। और अगर कंपनियों ने आपका अतिरिक्त टीडीएस काट लिया है तो आपको रिफंड मिल जाएगा।
ये भी पढ़े … मंजीरे और मृदंग की ताल पर आदिवासियों संग नाचे शिवराज, द्रौपदी मुर्मू की उम्मीदवारी पर बीजेपी ने किया भव्य आभार कार्यक्रम