नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। कर्मचारियों (employees) के लिए बड़ी खबर है। मोदी सरकार ने केंद्रीय कर्मचारियों (central employees) के लिए एक बड़ा फैसला लिया है। जिसमें रिटायरमेंट (retirement) पर TA क्लेम (TA Claim) आवेदन की समय सीमा को बढ़ाया गया है। अब कर्मचारी 60 दिन की बजाए 180 दिनों के भीतर अपना ट्रेवलिंग अलाउंस क्लेम (Traveling Allowance Claim) कर सकेंगे।
दरअसल केंद्रीय कर्मचारियों के टूर, ट्रेनिंग पर टीए क्लेम के लिए समय सीमा 60 दिन ही तय की गई है। मामले में वित्त मंत्रालय के व्यय विभाग का कहना है कि रिटायरमेंट के बाद फिल्म करने के लिए समय सीमा काफी बंधी हुई थी। जिसके बाद कर्मचारियों को काफी दिक्कतों का सामना करना पड़ा था। इसलिए इन नियमों में संशोधन किए गए हैं। अब कर्मचारी अपनी यात्रा के 6 महीने तक यात्रा खर्च के लिए क्लेम कर सकेंगे। जब की यात्रा खत्म होने के बाद के दिन से दिनों की गिनती शुरू होगी। वही यह बदला नियम 15 जून से मान्य किया जाएगा।
वहीँ मोदी सरकार (modi government) श्रम कानून 2021 (Labour Law 2021) में बड़े बदलाव करने जा रही है। जिसका सीधा सीधा फायदा देश के करोड़ों कर्मचारियों को होगा। सूत्रों की माने तो कर्मचारियों को हफ्ते में 5 दिन की जगह 4 दिन काम करने होंगे। जबकि हफ्ते में दो की जगह 3 दिन कर्मचारियों को छुट्टी दी जाएगी। केंद्र की मोदी सरकार जल्दी ऐसे प्रस्ताव पारित करने वाली है। जिसमें सप्ताह में 5 दिन की जगह 4 दिन नौकरी करनी होगी। चर्चा है कि नए लेबर लॉ (New Labour Law) के नियम में यह विकल्प रखा जाएगा।
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सरकार के नए नियम की माने तो कर्मचारी और कंपनी आपसी सहमति से फैसला कर सकेंगे। साथ ही सरकार ने काम के घंटे को बढ़ाकर 12 घंटे करने का फैसला किया है। जिससे काम के दिन घटाए जा सकेंगे। जैसे की पहले यदि 1 दिन में 8 घंटेकरने होते थे तो अब 12 घंटे काम करने होंगे। जिससे 4 दिन में 48 घंटे का शेड्यूल पूरा होगा। वहीं वर्तमान में 8 घंटे को वर्किंग अउर माना गया है।
लेबर कोड (labour code) को लेकर नए ड्राफ्ट (New draft) कानून तैयार किए जा रहे हैं। जिस में काम करने के घंटे को बढ़ाकर 12 करने का प्रस्ताव पेश किया गया है। वही नए नियम के तहत किसी भी कर्मचारी को 5 घंटे से ज्यादा काम करने की मनाही होगी। कर्मचारी को हर 5 घंटे के बाद आधे घंटे का रेस्ट दिया जाएगा।
बता दें कि मौजूदा नियम के मुताबिक 30 मिनट से कम समय को ओवरटाइम योग्य नहीं माना जाता है जबकि नए ड्राफ्ट नियम के मुताबिक 15 से 30 मिनट के बीच के अतिरिक्त कामकाज को भी 30 मिनट गिन कर ओवरटाइम में शामिल करने का प्रावधान लाया जा सकता है। वहीं आए ड्राफ्ट के मुताबिक टेक होम सैलेरी कम हो सकती है जबकि प्रोविडेंट फंड के अमाउंट बढ़ेंगे। नया कोर्ट लागू होने के बाद कर्मचारियों को मूल वेतन का 50 फ़ीसदी हिस्सा टेक होम सैलेरी के रूप में माना जाएगा जबकि प्रोविडेंट फंड और ग्रेजुएटी जैसे घटक में कर्मचारियों के योगदान बढ़ेंगे।