भोपाल।
कोरोना संकटकाल और नौतपे के आखरी दिनों में प्रदेशभर में मौसम में बड़ा बदलाव देखने को मिल रहा है। सोमवार को मानसून के केरल पहुंचते ही मध्यप्रदेश के कई जिलों में जमकर बारिश हुई।जहां प्री मानसून की आमद से किसानों और लोगों के चेहरे खिल गए है, वही कई मंडियों में रखा गेहूं भीग गया।वही आंधी-तूफान से टीन शेड उड़ गए । भारतीय मौसम विभाग के अनुसार दक्षिण पश्चिम मानसून ने केरल में दस्तक दे दी है जल्दी ही प्रदेश में मानसून सक्रिय होगा।इधर 4 जून को इंदौर संभाग से होते हुए मप्र में प्रवेश करने की संभावना है, ऐसे में 4 व 5 जून को इंदौर व उज्जैन संभाग के कई इलाकों में भारी बारिश हो सकती है।
सोमवार को प्रदेश के कई जिलों में झमाझम बारिश हुई। बडवानी जिले में सोमवार- मंगलवार दरमियानी रात 3 बजे से सुबह तक अलग-अलग हिस्सों बारिश हुई है। जिले के बड़वानी, सेंधवा, अंजड, राजपुर, खेतिया, पानसेमल, निवाली सहित अन्य ग्रामीण क्षेत्रों में प्री मानसून के तहत बूंदाबांदी और बारिश देखने को मिली। गांव बोकराटा में आंधी के साथ हुई बारिश से करीब पांच घरों के टीन शेड उड़ गए।
वही धार जिले के सुसारी में बारिश के बाद डही मार्ग का नाला उफान पर आ गया है। यहां रास्ते के तीनों पुलों के ऊपर से पानी बह रहा है। यहां पास के गांव देशवालिया में भारी बारिश के कारण नाले का पानी गांव की निचली बस्तियों में भर गया और खेत भी डूब गए हैं।फूलगांवड़ी खरीदी केंद्र में खुले में पड़ा करीब 15 हजार क्विंटल और राजगढ़ मंडी में सैकड़ों क्विंटल गेहूं भीग गया। बदनावर, खिलेड़ी और नागदा में भी खुले मेंर खा गेहूं गीला हो गया।झाबुआ के पेटलावद मंडी में खुले में रखा गेहूं भीग गया। घुघरी में घरों में पानी घुसने से परेशानी हुई। खेतों में पड़ा भूसा गीला हो गया। रतलाम नीमच में भी मंडियों और समर्थन मूल्य खरीदी केंद्रों पर खुले में पड़ी हजारों क्विंटल उपज भीग गई। आंधी से कई स्थानों पर पेड़ गिर गए। कुछ समय के लिए बिजली आपूर्ति बाधित हुई।नीमच के रामपुरा, मनासा और बुरहानपुर में भी बारिश हुई। मनासा मंडी में खुले में रखी चने की चार हजार बोरियां भीग गईं।
आगे ऐसा रहेगा मौसम
मौसम विभाग की माने तो अरब सागर में हवा का कम दबाव का क्षेत्र बना हुआ है जो अगले 48 घंटे में चक्रवाती तूफान में बदलेगा। इसके बाद यह उत्तरी महाराष्ट्र व दक्षिण गुजरात के तट पर टकराएगा। इसके बाद वह कमजोर होकर 4 जून को इंदौर संभाग से होते हुए मप्र में प्रवेश करेगा।इसके के चलते इंदौर और उज्जैन संभागों के इंदौर, उज्जैन, नीमच, मंदसौर, धार रतलाम, झाबुआ, अलीराजपुर और बड़वानी में भारी बारिश की आशंका है। पश्चिमी मध्य प्रदेश में 3, 4 और 5 जून को भारी बारिश हो सकती है। 60 से 80 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से हवाएं चल सकती हैं और गरज चमक के साथ कहीं कहीं बिजली गिरने की भी संभावना है।
20 जून तक दस्तक देगा mp में मानसून
एक जून को केरल में मानसून पहुंच चुका है ऐसे में तीन दिन देरी से करीब 20 जून तक मध्यप्रदेश पहुंचने की संभावना है। जून से सितंबर तक 96 से 104 फीसदी बारिश होने के आसार है। मध्य भारत में 103 प्रतिशत बारिश होगी। इसमें 8% कम या ज्यादा हो सकता है। जुलाई में 103% प्रतिशत या इससे 9% कम या ज्यादा बारिश हो सकती है। अगस्त में 97 फ़ीसदी बारिश होने का अनुमान है।