भोपाल।
कोरोना महामारी के बीच अरब सागर में बने चक्रवाती तूफान निसर्ग ( Cyclone Nisarga) का असर मध्यप्रदेश में तेजी से देखने को मिल रहा है।बुधवार रात से ही प्रदेश के कई जिलों में तेज हवाओं के साथ बारिश का दौर शुरु हो गया है। इसका सबसे ज्यादा प्रभाव मालवा-निमाड़ अंचल में दिख रहा है। यहां कई इलाकों में सड़कें लबालब हो गईं। नाले उफान पर आ गए। खरगोन में भी कुंदा नदी में पानी बह निकला। इंदौर में पांच पेड गिरने की खबर है वही धार जिले के डेहरी में कच्चे घर की दीवार गिरने से एक युवक और बुजुर्ग महिला की मौत की सूचना है।
मौसम विभाग के अनुसार सुबह 11 बजे से दोपहर एक बजे तक सबसे ज्यादा असर रहेगा।
मौसम विभाग ने अगले 24 घंटे के लिए फिर अलर्ट किया है। विभाग ने प्रदेश के 27 जिलों में भारी बारिश की चेतावनी जारी की है।मौसम विभाग का कहना है कि निसर्ग चक्रवात के कारण इस बार जून की शुरूआत से ही प्री-मानसून की स्थिति बन गई है, लेकिन प्रदेश में मानसून 20 जून के बाद ही दस्तक देगा। फिलहाल सभी जिलों में प्रशासन द्वारा लोगों से सतर्क रहने और बेवजह बाहर न निकलने की अपील की गई है।
मालवा-निमाड़ अंचल में बुधवार रात से बारिश का दौर जारी है। खंडवा में सुबह आठ बजे तक तीन इंच से ज्यादा बारिश हो गई है। कुंदा नदी में बाढ़ का पानी आ गया है।वही पिछले 24 घंटे की बात करें तो सबसे ज्यादा बारिश खंडवा में 132 मिमी हुई है। बड़वानी में जहां 97 मिमी बारिश हुई। वहीं इंदौर में 51 और भोपाल में 23 मिली बारिश हो चुकी है।निसर्ग तूफान को लेकर इंदौर नगर निगम भी अलर्ट हो गया है। अपर आयुक्त, उपायुक्त सहित एसडीआरएफ की टीम के अधिकारी भी नगर निगम कंट्रोल रूम पर मौजूद हैं। वायरलेस सेट के माध्यम से लगातार शहर के हालात की जानकारी ली जा रही है। अब तक शहर में 6 पेड़ो के गिरने की सूचना कंट्रोल रूम को मिली है।खंडवा में मौसम विभाग ने भारी बारिश और हवा आंधी चलने की चेतावनी दी है कि गुरुवार को ओंकारेश्वर, हनुवंतिया, असीरगढ़ सहित किसी भी पर्यटन स्थल पर न जाए। यहां 40-50 किमी की रफ्तार से तेज हवा चलने के साथ बिजली गिरने की संभावना है। डिप्टी कलेक्टर हेमलता सोलंकी ने बताया कि निसर्ग तूफान से उत्पन्न स्थिति से निपटने के लिए भू-अभिलेख कार्यालय में नियंत्रण कक्ष स्थापित किया गया है। इधर, महाकौशल, विंध्य जैसे जबलपूर, मंडला, नरसिंहपुर, सतना, रीवा, सीधी, उमरिया, अनूपुर में रुक-रुक कर बारिश जारी है। सबसे ज्यादा मंडला में पौने दो इंच बारिश 1 दिन में दर्ज हुई, जबलपुर में आधा इंच से ज्यादा वर्षा दर्ज की गई।
किसानों की चिंता बढ़ी, खुले मे रखा गेहूं भीगा
निसर्ग चक्रवात की वजह से तेज बारिश ने जहां गर्मी से राहत दिलाई है वही किसानों की चिंता बढ़ा दी है।जिन किसानों ने खेत में फसल लगा रखी थी, उन्हें नुकसान की आशंका है। वही दमोह जिले के खरीदी केंद्रों के बाहर पड़े सैकड़ों क्विंटल चने को तरबतर कर दिया। ऐसे में यह चना अब खराब होने की कगार पर आ गया है, इसके बावजूद अधिकारियों के कानों पर जूं तक नहीं रेंग रही। वही देवास जिले के अधिकांश खरीद केंद्रों में खुले में पड़ा हजारों क्विंटल सरकारी गेंहू भीग गया। हजारों क्विंटल गेंहू विभिन्न खरीदी केंद्रों में खुले आसमान के नीचे पड़ा है। अब बरसात में भीग चुके अनाज के खराब होने से इंकार नहीं किया जा सकता। सबसे ज्यादा गेहूं शेड के बाहर और आसपास एवं खुले में पड़ा था, जो पूरी तरह भीग गया है। परन्तु जिम्मेदार अधिकारी जवाब देने से बचते नजर आए।
इन जिलों में भारी बारिश की चेतावनी
रीवा, सीधी, सिंगरौली, सतना, अनूपपुर, शहडोल, उमरिया, डिंडोरी, कटनी, जबलपुर, नरसिंहपुर, छिंदवाड़ा, पन्ना, दमोह, सागर, छतरपुर, विदिशा, रायसेन, सीहोर भोपाल, होशंगाबाद, बैतूल हरदा, बुरहानपुर, खंडवा, देवास और अशोकनगर में भारी बारिश की चेतावनी।