गुड्डा गुर्जर के आतंक से परेशान ग्रामीण पहुंचे एसपी ऑफिस, लगाई एसपी से सुरक्षा की गुहार

Amit Sengar
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मुरैना,संजय दीक्षित। चंबल में 65 हजार के इनामी खूंखार डकैत गुड्डा गुर्जर (Dacoit Gudda Gurjar) ने ग्रामीणों में दहशत फैला दी हैं, डकैत गुड्डा गुर्जर के खौफ से ग्रामीण दहशत में बने हुए हैं, गुड्डा गुर्जर को पकड़ने गई पुलिस के हाथों से एक बार फिर गुड्डा गुर्जर पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल हो गया और पुलिस हाथ मलती रह गयी।

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गुड्डा गुर्जर के आतंक से परेशान ग्रामीण पहुंचे एसपी ऑफिस, लगाई एसपी से सुरक्षा की गुहार

गौरतलब है कि यह कोई पहला मामला नहीं बल्कि तीन से चार बार डकैत गुड्डा गुर्जर पुलिस को चकमा देकर फरार होने में सफल हो गया था ग्रामीणों को परेशान करने का एक ऐसा मामला मामला निरार थाना क्षेत्र के चाचौल गांव का हैं जहाँ के ग्रामीणों ने मुरैना एसपी को ज्ञापन देकर डकैत गुड्डा गुर्जर और उसके रिश्तेदारों से सुरक्षा की मांग की है।ग्रामीणों के मुताबिक चंबल के डकैत गुड्डा गुर्जर ने अपने रिश्तेदारों की मदद से वन भूमि की सरकारी जमीन पर अतिक्रमण करना शुरू कर दिया है।

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बता दे कि ग्रामीण ट्रैक्टर ट्रॉली में सवार होकर मुरैना एसपी कार्यालय पहुंचे। जहाँ उन्होंने एसपी आशुतोष बागरी को अपनी फरियाद सुनाते हुए ग्रामीणों ने बताया कि इनामी डकैत गुड्डा गुर्जर ने अपने आतंक के बल पर रिश्तेदारों की मदद से गांव से सटी वन भूमि की सरकारी जमीन पर कब्जा कर लिया है। वे जब भी उस जमीन से होकर अपने मवेशी लेकर निकलते हैं, डकैत गुड्डा गुर्जर के रिश्तेदार लाठियां लेकर आ जाते हैं और झगड़ा करने पर आमादा हो जाते है। उसके आतंक की वजह से पूरे गांव के लोग दहशत में हैं। इसलिए डकैत गिरोह तथा उसके रिश्तेदारों से उनकी सुरक्षा की मांग की हैं।

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ग्रामीणों का कहना है हमने इसकी शिकायत थाने से लेकर वन विभाग के अधिकारियों से की है लेकिन कोई सुनवाई नहीं कर रहा हैं।चांचौल गांव के रामलखन पुत्र बद्री सिंह गुर्जर सहित लगभग दर्जन भर लोग एसपी ऑफिस पहुंचे। रामलखन ने बताया कि गुड्डा डकैत अपने साथियों के साथ उसके घर आ धमका। उसके गांव के ही पप्पू, मातादीन एक राय होकर उसके घर आए तथा बंदूक, लाठी व फर्सा लेकर उस पर हमला बोल दिया। उन्होंने उसके घर पर बंदूकों से फायर किए तथा गालियां देते हुए कहने लगे कि तूने हमारी वन विभाग वाली जमीन की शिकायत की है,तो तुझे जान से खत्म कर देंगे।


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मुझे अपने आप पर गर्व है कि में एक पत्रकार हूँ। क्योंकि पत्रकार होना अपने आप में कलाकार, चिंतक, लेखक या जन-हित में काम करने वाले वकील जैसा होता है। पत्रकार कोई कारोबारी, व्यापारी या राजनेता नहीं होता है वह व्यापक जनता की भलाई के सरोकारों से संचालित होता है।वहीं हेनरी ल्यूस ने कहा है कि “मैं जर्नलिस्ट बना ताकि दुनिया के दिल के अधिक करीब रहूं।”

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