भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में दसवीं (10th) और बारहवीं (12th) के लिए शिक्षा व्यवस्था (Education system) में बदलाव किया जा रहा है। नए सत्र में 10वीं और 12वीं की परीक्षा में समय अवधि को कम करने के लिए परीक्षा के पैटर्न (Examination pattern) को बदलने की तैयारी की जा रही है। जिसमें माध्यमिक शिक्षा मंडल (Board of Secondary Education) ने पुराने पाठ्यक्रम में बड़े बदलाव करते हुए 8 विषयों को 4 विषय कर दिया है।
इसके साथ ही माध्यमिक शिक्षा मंडल ने कॉमर्स (commerce) और आर्ट्स (Arts) फैकेल्टी के अर्थशास्त्र विषय को भी एक कर दिया है। ज्ञात हो कि अभी तक काॅमर्स फैकल्टी में व्यावहारिक अर्थशास्त्र और आर्ट्स फैकल्टी में अर्थशास्त्र विषय था। इन पांच विषयों के सिलेबस और पेपर अब एक ही होंगे। विषयों की पढ़ाई एनसीईआरटी (NCERT) की पुस्तकाें से ही कराई जाएगी। सिलेबस काे लेकर ब्लू प्रिंट भी तैयार किया गया है। इससे पहले माध्यमिक शिक्षा मंडल ने बड़ा बदलाव करते हुए व्यवसायिक पाठ्यक्रम के 21 ट्रेड विषय को बंद कर दिया था।
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माध्यमिक शिक्षा मंडल की परीक्षा पैटर्न को बदलने की तैयारी में इस बड़े बदलाव का कारण परीक्षा की अवधि को कम करना है। विशेषज्ञों की मानें तो 10वीं और 12वीं की परीक्षा की अवधि 35 से 40 दिन की वजह 25 दिन में पूरी हो सकेगी। वहीं मूल्यांकन अवधि में भी समय की बचत होगी। इस मामले में माध्यमिक शिक्षा मंडल के सचिव उमेश कुमार सिंह का कहना है कि शिक्षा व्यवस्था में इस नए बदलाव से पेपर सेट करने से लेकर परीक्षा के आयाेजन, मूल्यांकन तक की समयावधि कम हाेगी। जिससे परिणाम घोषित भी जल्द किये जायेंगे। विषय कम हाेने से विषयवार शिक्षकाें की संख्या बढ़ सकेगी ताे मूल्यांकन भी तेजी से हाे सकेगा।
वहीँ इस विषय में विश्लेषक रमाकांत पांडे कहते हैं कि फ़िलहाल हर विषय का अलग काेड हाेता है। काेडवार हर स्थान पर पेपर भेजे जाते हैं। विषयाें के पेपर अलग-अलग सेट हाेते हैं। वहीं विषय कम हाेने से मूल्यांकन जल्दी हाेगा। रिजल्ट जल्दी आ सकेगा। अब वहीं अब विषयवार शिक्षक अपने विषयों की कॉपी भी स्वयं ही जाँच सकेंगे। इससे पहले काॅपियां माॅडल स्कूल के शिक्षक ही जांचते हैं।