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Fri, Dec 5, 2025

MP College: शासकीय कॉलेजों को दिए गए निर्देश, जल्द होगी इन कार्यों की समीक्षा

Written by:Kashish Trivedi
MP College: शासकीय कॉलेजों को दिए गए निर्देश, जल्द होगी इन कार्यों की समीक्षा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में उच्चतर शिक्षा मिशन (Higher Education Mission) के तहत कॉलेजों की स्थिति सुधारने के लिए बड़े नियम बनाए जा रहे है।  इसके अलावा उच्चतर शिक्षा मिशन के तहत मिलने वाले अनुदान का उपयोग शासकीय कॉलेज द्वारा किया जा रहा है कि नहीं। इसकी जांच की तैयारी भी की जा रही है। माना जा रहा है कि उच्च शिक्षा विभाग द्वारा मध्य प्रदेश के शासकीय कॉलेजों (government colleges)में जल्द निगरानी के लिए ऑडिट टीम (audit team) भेजी जाएगी।

दरअसल उच्च शिक्षा विभाग के मुताबिक राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा मिशन के तहत शासकीय विश्वविद्यालय को करोड़ों रुपए का अनुदान दिया जाता है। इन आवंटित अनुदान का उपयोग कॉलेज शिक्षा व्यवस्था के सुधार तथा भवन निर्माण और इंफ्रास्ट्रक्चर के लिए करते हैं। अब ऐसी स्थिति में उच्च शिक्षा विभाग द्वारा राष्ट्रीय उच्च शिक्षा मिशन के तहत शासकीय कॉलेज को मिलने वाले अनुदान राशि का ऑडिट करने टीम भेजी जाएगी। यह टीम कामकाज की समीक्षा करेगी।

वही समीक्षा के बाद इसकी रिपोर्ट टीम विभाग को सौंपी गई। माना जा रहा है कि मार्च अंत या अप्रैल के पहले सप्ताह के बीच उच्च शिक्षा विभाग द्वारा शासकीय कॉलेज की निगरानी के लिए टीम भेजे जाएंगे। वही इन ऑडिट टीम का काम करोड़ों रुपए के अनुदान राशि का उपयोग कॉलेजों द्वारा कहां-कहां किया गया है। इस बात का पता लगाना होगा। इसके लिए संचालन स्तर पर समन्वय बनाकर कॉलेजों को निरीक्षण से पूर्व तैयारी करने के निर्देश दिए गए हैं।

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ज्ञात हो कि यह टीम कार्य की समीक्षा सालाना स्तर पर करेगी। वहीं विभिन्न दस्तावेजों की जांच कर कार्य की गुणवत्ता का पता लगाया जाएगा। वही मापदंडों के तहत खरीदी प्रक्रिया का पालन किया गया है कि नहीं इन स्तरों की भी जांच की जाएगी। साथ ही सामग्री क्रय और विक्रय की जांच भी कमेटी द्वारा की जाएगी। प्रदेश के सभी शासकीय कॉलेजों के आवंटित राशि के खर्च का पूरा विवरण लिया जाएगा।

माना जा रहा है कि प्रदेश में उच्च शिक्षा विभाग के तहत शासकीय विश्वविद्यालय के भवन निर्माण, इंफ्रास्ट्रक्चर और उपकरण खरीदी को ध्यान में रखकर यह निर्णय लिया गया है। साथ ही प्रदेश में विश्वविद्यालय की व्यवस्था को और सुदृढ़ करने के लिए राज्य सरकार द्वारा यह कदम उठाए जा रहे हैं। ताकि विश्वविद्यालय प्रशासन द्वारा लापरवाही की आशंका को कम किया जा सके।