ग्वालियर, अतुल सक्सेना। ज्योतिरादित्य सिंधिया (Jyotiraditya Scindia) के कांग्रेस को छोड़कर भाजपा में शामिल होने के बाद से BJP के नेता भले ही सार्वजनिक रूप से कुछ नहीं कर रहे लेकिन पार्टी के कार्यकर्ता परेशान और रुष्ट है लेकिन अनुशासन में बंधे होने के कारण वो चुप है। मगर उसकी आवाज बनकर एक स्वयंसेवक सामने आया है उसने सरसंघ चालक को पत्र लिखकर उसमें सिंधिया की एंट्री पर निशाना साधा है। वायरल हुए पत्र में स्वयंसेवक ने लिखा है कि क्या लोकतंत्र की हत्या में हम अपनी हिस्सेदारी तय कर क्या संघ को और हमारी विचारधारा को कलंकित कर लें। सोशल मीडिया (Social Media) पर पत्र वायरल होने के बाद दिग्विजय सिंह (Digvijay Singh) ने इसे अपने ट्विटर हैंडल और फेसबुक एकाउंट पर शेयर किया है और भाजपा पर निशाना साधा है।
ग्वालियर (Gwalior) में रहने वाले राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक स्वयंसेवक राजेश कुमार का सरसंघ चालक को लिखा एक पत्र इस समय सोशल मीडिया पर वायरल हो रहा है। हालांकि एमपी ब्रेकिंग न्यूज़ इस पत्र की पुष्टि नहीं करता लेकिन चुनावी दौर में पत्र लिखने और फिर इसके वायरल होने से हलचल होना लाजमी है। किन्ही प्रीते जी को व्हाट्स एप पर भेजे गए इस पत्र के वायरल होने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री एवं राज्यसभा सांसद दिग्विजय सिंह ने टिप्पणी की है। उन्होंने भाजपा पर निशाना साधते हुए पत्र को अपने ट्विटर हैंडल पर और फेसबुक पर शेयर किया है।
हालांकि पत्र की भाषा बहुत से संदेह को जन्म देती है लेकिन स्वयंसेवक के नाम से लिखे इस पत्र ने राजनैतिक हलकों में चर्चा छेड़ दी है। स्वयं को संघ का स्वयं सेवक बताने वाले राजेश कुमार (Rajesh Kumar) नामक व्यक्ति ने सरसंघ चालक (RSS) को संबोधित पत्र में जो लिखा है उसका सार हम आपको बताते हैं। पत्र में लिखा है कि 28 सीटों पर होने वाले मतदान के लिये 3 नवंबर को मतदान होना है। ये चुनाव मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में सत्ता का रुख और मध्यप्रदेश का भविष्य तय करेंगे। लेकिन मैं मानता हूँ ये चुनाव भारत में लोकतंत्र का भविष्य, आम आदमी के वोट का मूल्य, एक आम आदमी की चुनाव में हिस्सेदारी भी तय करेगा एवं वोट तंत्र या नोट तंत्र या छल तंत्र इनमें से किसी एक को चुनने का भी एक समय है।
पत्र में ज्योतिरादित्य सिंधिया का विरोध करते हुए लिखा है कि पिछले कई चुनावों में जिनके खिलाफ काम किया, आहुति दी फिर सौदेबाजी कर जनता के लिए नहीं एक व्यक्ति विशेष सिंधिया (जिनके खिलाफ हमारी एक पीढ़ी ग्वालियर चंबल में लड़ लड़ कर थक चुकी है) के कहने पर जो इस्तीफा देकर सरकार गिराकर बीजेपी में आआ मिले और सौदेबाजी की दूसरी शर्त के तहत टिकट पा गए। क्या अब हम उनका प्रचार प्रसार करके उनको पर मतदान करके लोकतंत्र की हत्या में अपनी हिस्सेदारी तय करके क्या संघ को और हमारी विचारधारा को कलंकित कर लें। पत्र में और भी बहुत बातें लिखी हैं।
राजेश कुमार ने कमलनाथ सरकार के 15 महीने के शासन काल में किये गए कार्यों की तारीफ की है और लिखा है कि इनमें से बहुत से कार्य हमारी विचारधारा से मेल खाते हैं । पत्र के अंत में राजेश कुमार ने लिखा कि आज हमने इन लोकतंत्र का चीरहरण नोटतंत्र की दम पर करने वालों का साथ दिया , इन्हे वोट दिया या इनके लिए वोट मांगा तो इतिहास और आने वाली पीढी हमें कभी माफ नहीं करेगी।