जबलपुर, संदीप कुमार। प्रदेश भर की नगर पालिकाओं में निर्धारित योग्यता न होने और उक्त फीडर कैडर के अधिकारी नहीं होने पर, सीएमओ का प्रभार नहीं दिये जाने के आदेश के बावजूद उपयंत्री को प्रभारी सीएमओ बनाये जाने को हाईकोर्ट ने सख्ती से लिया है। जस्टिस अतुल श्रीधरन की एकलपीठ ने दायर अवमानना मामले में दमोह कलेक्टर तरूण राठी को कारण बताओ नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।
अगली सुनवाई 24 मार्च को होगी
यह अवमानना का मामला दमोह के पत्रकार की ओर से दायर किया गया है। जिसमें दलील दी गई कि वर्ष 2015 में हाईकोर्ट में एक याचिका दायर की गई थी। जिसमें प्रदेश की नगर पालिकाओं पर सरकार द्वारा मनमर्जी से प्रभारी सीएमओ की नियुक्तियों को चुनौती दी गई थी। न्यायालय ने अपने आदेश में स्पष्ट किया था कि सिर्फ योग्य व्यक्ति या फिर उक्त फीडर कैडर के व्यक्ति को ही उक्त पद पर पदस्थ किया जाये। इसके साथ ही भविष्य में इसका ध्यान रखने के साथ ही न्यायालय ने मुख्य सचिव को आदेश का कड़ाई से पालन सुनिश्चित कराने के निर्देश दिये थे।
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मुख्य सचिव ने जारी किये थे हटाने के आदेश
मामले की सुनवाई के दौरान आवेदक की ओर से कहा गया कि उक्त आदेश के परिप्रेक्ष्य में मुख्य सचिव ने एक आदेश जारी कर योग्यता नहीं रखने वालो को उक्त पद से तत्काल हटाने के निर्देश दिये थे। जिस पर अप्रैल 2020 में दमोह प्रभारी सीएमओ पद पर पदस्थ उपयंत्री कपिल खरे सहित प्रदेश भर से कई लोगों को हटाकर उनके मूल विभाग में पदस्थ किया गया था। सुनवाई के बाद न्यायालय ने दमोह कलेक्टर को नोटिस जारी कर जवाब पेश करने के निर्देश दिये हैं।