भोपाल, डेस्क रिपोर्ट एक तरफ स्कूल शिक्षा विभाग (School Education Department) में अनुकंपा नियुक्ति (Compassionate appointment) के लिए आदेश जारी कर दिया है। वहीं दूसरी तरफ अनुकंपा नियुक्ति के लिए बने नियम आवेदकों के लिए परेशानी का सबब बन गए है। दरअसल अनुकंपा नियुक्ति के लिए लगे शिविर में आने वाले आवेदकों से एक ऐसा सवाल पूछा जा रहा है। जो उन्हें परेशानी में डाल रहा है।
बता दे कि लोक शिक्षण संचनालय, भोपाल (Public Education Directorate, Bhopal) के आदेश पर अनुकंपा नियुक्ति के लिए विशेष शिविर लगाए गए हैं। लंबित मामले को निपटाने के लिए लगाए शिविर मैं अनुकंपा नियुक्ति देने के लिए जिला शिक्षा अधिकारियों (District Education Officers) को निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके अनुकंपा नियुक्ति के लिए आवेदन करने वाले अभ्यर्थी परेशान है।
जानकारी के मुताबिक वैसे ही आश्रित आवेदन कर सकते हैं। जिनके पति, पिता की मृत्यु 1 जुलाई 2018 के बाद हुई हो। तभी उन्हें अनुकंपा नियुक्ति दी जाएगी। 1 जुलाई 2018 से पूर्व मृत हुए अधिकारी-कर्मचारियों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति की पात्रता नहीं होगी।
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दरअसल अध्यापक संवर्ग जुलाई 2018 से शासकीय शिक्षक हुआ है। इसलिए विभाग द्वारा 2018 को ही मान्य मानकर शिक्षकों के आश्रितों को अनुकंपा नियुक्ति दी जा रही है। वही इस तिथि से पूर्व अध्यापक को स्थानीय निकाय का कर्मचारी मानकर अनुकंपा नहीं दी जा रही है।
इस मामले में राज्य शिक्षक संघ के जिलाध्यक्ष नरेंद्र त्रिपाठी का कहना है कि लोक शिक्षण संचालनालय का आदेश अमानवीय है। अध्यापक को स्थानीय निकाय से शासनाधिन सरकार ने किया। बावजूद इसके मृत शिक्षकों के साथ अलग-अलग व्यवहार को निंदनीय बताया गया है। इसके साथ ही संघ का कहना है कि इस मामले में आयुक्त जयश्री कियावत से मिलकर अनुकंपा नियुक्ति के मामले में विसंगतियों को दूर करने की मांग की जाएगी।