MP School: शासकीय स्कूल और शिक्षकों को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार का बड़ा बयान

Kashish Trivedi
Published on -
MP School

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश स्कूलों (MP School) को लेकर स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने बड़ा बयान दिया। राजधानी भोपाल (bhopal) में कार्यक्रम में सम्मिलित होने पहुंचे स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार (indar singh parmar) ने स्कूलों (government school) और शिक्षकों (teachers) को लेकर बयान दिया है। स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि मध्य प्रदेश में किसी भी स्कूल का निजीकरण (Privatization) नहीं किया जाएगा। शिक्षक निर्भय होकर अपने दायित्व का निर्वहन करें।

इतना ही नहीं शिक्षकों की समस्याओं के निराकरण की जिम्मेदारी पर बोलते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शिक्षकों की सारी समस्याओं का शीघ्र निराकरण किया जाएगा। इसके लिए नई शिक्षा नीति के तहत शिक्षकों को ध्यान में रखकर ड्राफ्ट (draft) तैयार किए जा रहे हैं। वहीं शिक्षकों की दक्षता परीक्षा पर बोलते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह पवार ने कहा कि मध्यप्रदेश में दक्षता परीक्षा सिर्फ शिक्षकों की दक्षता बढ़ाने के लिए आयोजित की गई है। किसी प्रकार से शिक्षकों पर कोई कार्यवाही नहीं होगी।

Read More: प्रदेश के 4 लाख कर्मचारियों को शिवराज सरकार ने दिया बड़ा झटका, यह है कारण

वही 10वीं-12वीं बोर्ड परीक्षा (10th-12th board exam) में टीचरों के लिए निर्धारित किए गए टारगेट (target) पर बोलते हुए स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि प्रदेश में शिक्षा की गुणवत्ता को सुधारने और बच्चों को विकसित बनाने के लिए शिक्षा व्यवस्था में सुधार के लिए कार्य किया गया है। पिछले साल की तुलना में इस साल 10वीं और 12वीं बोर्ड परीक्षाओं के रिजल्ट अच्छे रहे। इसलिए इस नियम को लागू किया गया है।

इतना ही नहीं स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शासकीय स्कूल में कार्य शिक्षकों की दूसरे विभाग की कार्रवाई पर रोक लगाई जाएगी इसकी साथ पदोन्नति के लिए एक ड्राफ्ट तैयार किया जा रहा है जहां शिक्षकों को अच्छी सुविधाएं उपलब्ध कराई जाएगी। इसके साथ ही स्कूल शिक्षा मंत्री इंदर सिंह परमार ने कहा कि शासकीय स्कूल में इस वर्ष 2 लाख बच्चों एडमिशन लिया गया है जो निजी स्कूल में पढ़ते थे। अगर ऐसे ही रहे तो 3 वर्ष में शासकीय स्कूल निजी स्कूल को मात दे सकते हैं। बता दें कि इससे पहले कोरोना काल में शुरू की गई 9वीं से 12वीं तक की कक्षा में भी निजी स्कूल के मुकाबले शासकीय स्कूल में बच्चों की उपस्थिति ज्यादा दर्ज की गई है।


About Author
Kashish Trivedi

Kashish Trivedi

Other Latest News