भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश (Madhya pradesh) में 9वीं से लेकर 12वीं तक की कक्षाओं का संचालन 18 दिसंबर से शुरू किया जा रहा है। इसके साथ ही 10 महीने से बंद पड़े प्रदेश के स्कूल (school) में एक बार फिर से घंटियां बजने शुरू हो जाएगी। स्कूल खोले जाने को लेकर बैठक करते हुए स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार (Indar singh parmar) ने कहा कि कोरोना प्रोटोकॉल (Corona protocol) और शासन की गाइडलाइन (guideline) का पालन करते हुए स्कूल की कक्षा संचालित की जाएगी।
इसके साथ ही स्कूल शिक्षा राज्य मंत्री इंदर सिंह परमार ने बताया कि बोर्ड की आगामी परीक्षा और बच्चों के भविष्य को ध्यान में रखते हुए निर्णय लिया गया है। इंदर सिंह परमार के निर्देश के बाद लोक शिक्षण संचालनालय सभी प्राचार्य को शिक्षण सत्र 2020- 21 के लिए नियमित कक्षाएं संचालित करने की दिशा निर्देश जारी कर दिए हैं।
नया एसओपी (SOP) जारी
स्कूल खोलने को लेकर नया एसओपी (SOP) जारी किया गया है। जिसका पालन सभी स्कूलों को करना होगा। स्कूल में विद्यार्थियों की उपस्थिति माता-पिता और अभिभावकों की सहमति पर भी निर्भर होगी। माता पिता और अभिभावक की सहमति पूरे सत्र के लिए मान्य की जाएगी। सभी विद्यालय में दसवीं-बारहवीं की कक्षाएं नियमित रूप से संचालित की जाएगी। । वहीं 9वीं एवं 11वीं के विद्यार्थियों के नामांकन और अध्यापन कक्ष के आधार पर पर प्राचार्य स्थानीय स्तर पर निर्णय लेंगे। इसके साथ ही कोरोना महामारी को देखते हुए सभी विद्यालय में ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों प्रकार की कक्षाओं का संचालन होगा।
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स्कूलों के रि-ओपनिंग के लिए स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी
स्कूल शिक्षा विभाग ने स्टैंडर्ड ऑपरेटिंग प्रोसीजर जारी किया है जिसके मुताबिक प्रतिदिन विद्यालय के शिक्षण संबंधित कार्य क्षेत्र, पीने के पानी और हाथ धोने, लैबोरेट्री सहित अन्य वस्तुओं को सैनिटाइज किया जाएगा। कक्षा की शुरुआत और कक्षा के अंत में पूरे विद्यालय को सैनिटाइजेशन करने के बाद ही दूसरे दिन कक्षा आयोजित की जाएगी। विद्यालय में प्रवेश पर थर्मल स्क्रीनिंग सैनिटाइजर की व्यवस्था होगी। साथ ही थर्मल ऑक्सीमीटर से स्कैनिंग के बाद ही विद्यालय में प्रवेश दिया जाएगा। इस दौरान विद्यार्थी शिक्षक और गैर शिक्षक कर्मचारी 6 फीट की शारीरिक दूरी का भी पालन करेंगे।
वहीं प्रदेश के सभी विद्यालय में ऑनलाइन और ऑफलाइन कक्षाओं का मॉनिटरिंग किया जाएगा। राज्य कार्यालय के अधिकारी, जिला शिक्षा अधिकारी सहित अन्य अधिकारी नियमित रूप से यह मॉनिटरिंग करेंगे और इसकी रिपोर्ट विमर्श पोर्टल पर अपलोड करेंगे। इसके साथ ही शिक्षामित्र हाजिरी ऐप पर प्रतिदिन विद्यार्थी और शिक्षक की उपस्थिति दर्ज की जाएगी।