भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा (National President Of BJP Jagat Prakash Madda) द्वारा घोषित की गई नई टीम में पार्टी के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष विनय सहस्त्रबुद्धे (Party Vice President Vijay Sahastrabudhe) को स्थान नहीं मिला है। सहस्त्रबुद्धे प्रदेश संगठन के प्रभारी (State Organization Incharge) थे, ऐसे में तय है कि अब प्रदेश में नए प्रभारी की नियुक्ति की जाएगी। इसके अलावा प्रभात झा और उमा भारती (Prabhat Jha And Uma Bharti) को भी इस बार मौका नहीं मिला है। प्रदेश से पांच नेताओं को टीम में शामिल किया गया है, जो पिछले दो बार की तुलना में ज्यादा है।
कल घोषित टीम में कैलाश विजयवर्गीय (Kailash Vijayvargiya) का सियासी कद बरकरार रखते हुए उन्हें महामंत्री (General Secretary) बनाया गया है, वह पहले भी इस पद पर थे। विजयवर्गीय पश्चिम बंगाल के प्रभारी भी हैं। गौरतलब है कि पश्चिम बंगाल में अगले साल चुनाव होने हैं। इसके अलावा प्रदेश के 6 साल तक संगठन मंत्री रहे अरविंद मेनन को सक्रिय राजनीति में लाया गया है। मेनन को राष्ट्रीय सचिव बनाया गया है। मेनन भी इन दिनों पश्चिम बंगाल के सह प्रभारी है। कुछ साल पहले मेनन की संगठन और सरकार में तूती बोलती थी, हालांकि उन्हें दिल्ली कोटे से नेशनल टीम में लिया गया है।
संगठन ने गोहद से पिछला चुनाव हारे पूर्व मंत्री लाल सिंह आर्य (Lal Singh Arya) को अनुसूचित जाति मोर्चा का राष्ट्रीय अध्यक्ष बनाकर पार्टी में उनके सियासी कद में इजाफा किया है। गौरतलब है कि गोहद से कांग्रेस विधायक रणवीर जाटव इस समय भाजपा में है और उनका चुनाव लड़ना भी तय है माना जा रहा है। लालसिंह आर्य को पदाधिकारी बनाकर भाजपा ने ग्वालियर चंबल में 16 सीटों पर होने वाले उपचुनाव में अनुसूचित जाति के कार्यकर्ताओं और वोटरों को साधने का काम किया है। वहीं पूर्व मंत्री ओम प्रकाश धुर्वे को सचिव बनाकर अनुसूचित जनजाति वर्ग को साधा है। इसके अलावा मंदसौर से सांसद सुधीर गुप्ता को सह कोषाध्यक्ष बनाया है। सुधीर गुप्ता संघ कोटे के माने जाते हैं, उनका टिकट भी संघ के दखल से ही दूसरी बार फाइनल हुआ था।
पिछली कार्यकारिणी में कैलाश विजयवर्गीय राष्ट्रीय महासचिव थे, तो प्रभात झा और उमा भारती उपाध्यक्ष। हालांकि उमा भारती को यूपी कोटे से पदाधिकारी बनाया गया था। इसके अलावा ज्योति धुर्वे सचिव थी, फग्गन सिंह कुलस्ते अनुसूचित जनजाति मोर्चा के राष्ट्रीय अध्यक्ष थे। इस बीच शिवराज सिंह चौहान को भी उपाध्यक्ष बनाया गया था, पर कुलस्ते ने मंत्री बनने के बाद इस पद से इस्तीफा दे दिया था और शिवराज सिंह ने सीएम बनने के बाद पद छोड़ दिया था।