जबलपुर, संदीप कुमार। पीएससी (MPPSC) ने 21 मार्च से आयोजित मुख्य परीक्षा (Main exam) पर रोक लगाए जाने की मांग करते हुए सर्वोच्च न्यायालय (Supreme court) में विशेष अनुमत्ति याचिका (Special permission petition) दायर की थी। सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश यूयू ललित और जस्टिस केएम जोसफ की युगलपीठ ने पीएससी की संपूर्ण प्रक्रिया हाई कोर्ट (high court) के अंतिम आदेश के अधिन होने के निर्देश जारी किए है। युगलपीठ ने याचिका का निराकरण करते हुए उच्च न्यायालय को याचिकाओं पर त्वरित सुनवाई के आदेश दिए है।
दरअसल याचिकाकर्ता किशोर चौधरी ने पीएससी की प्रारंभिक 2019 और राज्य सेवा परीक्षा की वैधानिकता को चुनौती देते हुए हाईकोर्ट में याचिकाएं दायर की थी। हाई कोर्ट की मुख्यपीठ सभी 43 याचिकाओं की संयुक्त रूप से सुनवाई कर रहा है। पीएससी ने मुख्य परीक्षा का आयोजन 21 से 26 मार्च के बीच किया है।
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याचिका में कहा गया था कि मुख्य परीक्षा के आयोजन से पहले पीएससी की ओर से उच्च न्यायालय में जवाब प्रस्तुत नहीं किया गया है। याचिका में मांग की गई थी कि मुख्य परीक्षा के आयोजन पर रोक लगाई जाए। सर्वोच्च न्यायालय ने सुनवाई के दौरान पाया कि उच्च न्यायालय ने 21 मार्च को जारी आदेश पीएससी की संपूर्ण प्रक्रिया अंतिम आदेश के अधीन होने के निर्देश जारी किए है। युगलपीठ ने याचिका में हस्तक्षेप करने के इंकार करते हुए उच्च न्यायालय को याचिकाओं पर त्वरित सुनवाई के आदेश दिए है। याचिकाकर्ता की तरफ से वरिष्ठ अधिवक्ता विवेक तन्खा ने पैरवी की।