भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश जबलपुर हाईकोर्ट (jabalpur highcourt) ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (MPPSC) और मध्य प्रदेश उच्च शिक्षा विभाग को नोटिस (notice) जारी किया है। नोटिस जारी करते हुए हाईकोर्ट ने लोक सेवा आयोग और उच्च शिक्षा विभाग को दिव्यांग अभ्यर्थियों के सहायक प्राध्यापक (Assoc. Professor) पदों पर नियुक्ति देने की बात कही है। हाई कोर्ट का कहना है कि कुल स्वीकृत पदों पर 6% आरक्षण (reservation) केवल तीन श्रेणी दृष्टिबाधित, अस्थिबाधित और श्रवण बाधित उम्मीदवारों को दिया जाए।
वहीं पूर्व के आदेश का पालन न करने पर हाईकोर्ट ने मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (Madhya Pradesh Public Service Commission) और उच्च शिक्षा विभाग (Higher Education Department) को फटकार लगाई है। दरअसल पूर्व में जबलपुर हाईकोर्ट ने दृष्टि वादी उम्मीदवारों को 2% में स्थिति और श्रवण बाधित उम्मीदवारों को भी 2-2% आरक्षण देने की बात कही थी। दिव्यांग अभ्यर्थियों को सहायक प्राध्यापक के पदों पर सही गणना करने की देने के लिए 28 फरवरी 2021 तक का वक्त दिया था।
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जबकि इससे पहले MPPSC ने जबलपुर हाईकोर्ट ने अर्जी लगाई थी। जिसकी सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट ने अपने पूर्व में नियुक्ति के निर्णय को यथावत रखा था और नियुक्ति के लिए 31 दिसंबर 2020 तक का समय दिया था। परंतु इन समय में लोक सेवा आयोग ने नियुक्ति के लिए चयन सूची तक तैयार नहीं की थी। जिसके बाद एक बार फिर से यह मामला हाईकोर्ट पहुंचा और हाईकोर्ट नियुक्ति के लिए 28 फरवरी 2021 का वक्त दिया था।
इस मामले में MPPSC और उच्च शिक्षा विभाग के अधिकारियों को फटकार लगाते हुए जबलपुर हाईकोर्ट ने कहा कि अधिकारियों को समझना चाहिए कि दिव्यांगजन अपनी जिंदगी में विषम परिस्थिति से शिक्षा ग्रहण करते हैं। ऐसी स्थिति में उनके रोजगार में आरक्षण की त्रुटि कर परीक्षा होते हुए अभ्यर्थियों को भी बेरोजगार रखना उचित नहीं है। वही हाकोर्ट ने नोटिस जारी करते हुए सहायक अध्यापकों के पदों पर नियुक्ति देने का नोटिस जारी कर दिया है। इस मामले में जल्द से जल्द कार्रवाई के निर्देश दिए है।