उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। विश्व प्रसिद्द ज्योतिर्लिंग महाकाल मंदिर (Mahakal Temple) में आज सोमवार से गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति दे दी गई। आज 6 दिसंबर से महाकाल के भक्त गर्भगृह (Garbhgrah) में जाकर दर्शन कर सकेंगे लेकिन उन्हें केवल जलाभिषेक (Jalabhishek) की अनुमति होगी, पूजन सामग्री नहीं ले जाने सहित अन्य प्रतिबन्ध अभी जारी रहेंगे। 21 महीने बाद मंदिर समिति ने गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति अभी प्रयोग के तौर पर दी है। कोरोना संक्रमण बढ़ने या अन्य किसी तरह की परेशानी सामने आने पर इसपर पुनः रोक लगाई जा सकती है।
बाबा महाकाल के भक्त आज 6 दिसंबर को बहुत प्रसन्न दिखाई दिए। आज उनके आनंद की सीमा सामान्य दिनों से अलग थी क्योंकि 17 मार्च 2020 से गर्भगृह में प्रवेश पर प्रतिबन्ध को आज से खोल दिया गया। 21 महीने बाद महाकाल के भक्त पास जाकर महाकाल के दर्शन कर पा रहे हैं और जलाभिषेक कर पा रहे हैं।
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यहाँ बता दें कि उज्जैन श्री महाकालेश्वर मंदिर समिति की बैठक में 6 दिसमबर से मंदिर के गर्भगृह में प्रवेश की अनुमति पर सहमति बनी लेकिन ये निश्चय किया भस्म आरती में प्रवेश पर प्रतिबन्ध अभी जारी रहेगा। श्री महाकालेश्वर मंदिर प्रबंध समिति के प्रशासक गणेश कुमार धाकड़ ने बताया कि मंदिर प्रबंध समिति के अध्यक्ष एवं कलेक्टर आशीष सिंह के निर्देश पर गर्भगृह में प्रवेश प्रयोग के तौर पर शुरू किया गया है। भीड़ अधिक होने या कोरोना संक्रमण बढ़ने की स्थिति में उस हिसाब से निर्णय लिया जाएगा।
प्रवेश बंद होने पर सशुल्क मिलेगा प्रवेश
मंदिर समिति ने निश्चय किया है कि भीड़ कम होने पर निःशुल्क प्रवेश मिलेगा लेकिन अधिक होने पर गर्भग्रह में प्रवेश रसीद के माध्यम से मिलेगा यानि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए सशुल्क प्रवेश की अनुमति मिलेगी। 1500 रुपये की रसीद पर दो भक्तों को प्रवेश मिलेगा। एक परिवार के तीन लोग होने पर व्यक्ति को 1000 रुपये की रसीद अलग से कटवानी होगी। इसके आलावा लघुरुद्र की रसीद 3000 रुपये की होगी इसमें तीन लोगों को प्रवेश मिलेगा। महारुद्र की 15000 रुपये की रसीद पर पांच लोगों को प्रवेश मिलेगा।
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वीआईपी दर्शन के लिए भी सशुल्क अनुमति
मंदिर समिति के निर्णय के अनुसार वीआईपी लोगों को 1500 रुपये की रसीद कटवाने के लिए कलेक्टर से अनुमति लेनी होगी। कलेक्टर की अनुमति से ही रसीद कटेगी और गर्भग्रह में दर्शन हो सकेंगे।
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इस समय कर सकते हैं दर्शन और जलाभिषेक
मंदिर समिति के अनुसार मंदिर के पुरोहित और पुजारी अपने यजमानों को सुबह 6:15 से 7:15 बजे तक और दोपहर 1 से 3 बजे तक जलाभिषेक करा सकते हैं। सभी भक्तों के लिए मंदिर के अंदर किसी भी तरह की पूजन सामग्री दूध, दही, फूल, प्रसाद आदि ले जाने पर प्रतिबंध है।