Mahashivratri: बाबा महाकाल का हुआ विशेष श्रृंगार, जयकारों से गूंज उठा शिवालय

Atul Saxena
Published on -

उज्जैन, डेस्क रिपोर्ट। महाशिवरात्रि ( Mahashivratri) के अवसर पर बाबा महाकाल (Baba Mahakal) मंदिर में और उमंग और उत्साह का माहौल है। गुरुवार तड़के भगवान् भोलेनाथ का विशेष अभिषेक किया। विशेष श्रृंगार और भस्म आरती के बाद सुबह 5 बजे के बाद भक्तों के दर्शन के लिए बाबा के पट खोल दिए गए। बाबा महाकाल (Baba Mahakal) के दर्शनों के लिए भक्तों में इतना उत्साह था कि वे गुरुवार तड़के 3 बजे से ही लाइन में लग गये थे।

ये भी पढ़ें – Indore News: Geeta को लेकर PAK का दावा गलत, परिवार से मिलने में आ रहे अभी पेंच

बाबा महाकाल (Baba Mahakal) मंदिर समिति के नियमानुसार और परमपरानुसार बुधवार गुरुवार की दरमियानी रात को करीब 2:30 बजे मंदिर के पट खोले गए।  इसके बाद बाबा के पुजारियों ने महाकाल (Baba Mahakal) का अभिषेक किया और भस्म आरती (Bhasm Aarti) की। बाबा महाकाल (Baba Mahakal) का विशेष श्रृंगार किया गया। उसके बाद 5 बजे से भक्तों के दर्शन के लिए गर्भ गृह के पट खोल दिए गए।

Mahashivratri: बाबा महाकाल का हुआ विशेष श्रृंगार, जयकारों से गूंज उठा शिवालय Mahashivratri: बाबा महाकाल का हुआ विशेष श्रृंगार, जयकारों से गूंज उठा शिवालय

परम्परानुसार दिन में 12 बजे तहसील की ओर से शासकीय पूजा की गई। शाम 4 बजे मंदिर के पुजारी होल्कर और सिंधिया राजवंश की ओर से बाबा महाकाल (Baba Mahakal) की पूजा करेंगे। वहीं संध्या आरती में बाबा महाकाल (Baba Mahakal) को गरम मीठे दूध का भोग लगाया जाएगा।  रात को 11 बजे बाबा महाकाल (Baba Mahakal) को दूध, दही , खांड, शहद, घी, पांच प्रकार के फलों का रस, गंगा जल, गन्ने का रस, गुलाब जल , भांग, मेवे आदि के आलावा केसर मिश्रित दूध से विशेष अभिषेक किया जायेगा। इस दौरान वैदिक मन्त्रों का उच्चारण  मंदिर के पुजारी करते रहेंगे।

कोविड को देखते हुए एडवांस बुकिंग के आधार पर ही मंदिर में दर्शनों की इस बार व्यवस्था की गई है। इसके आलावा पार्किंग स्थलों के पास 250  रुपये में शीघ्र दर्शनों के लिए पास की व्यवस्था भी की गई है। दर्शन करने आने वाले लोगों को पानी की बोतल, मास्क आदि निःशुल्क दिया जा रहा है। कलेक्टर आशीष सिंह का कहना है कि  हमारा प्रयास है कि कोविड गाइड लाइन का पालन करते हुए हम अधिक से अधिक लोगों को बाबा महाकाल के दर्शन करा पाएं।


About Author
Atul Saxena

Atul Saxena

पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

Other Latest News