Indore News: Geeta को लेकर PAK का दावा गलत, परिवार से मिलने में आ रहे अभी पेंच

Atul Saxena
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इंदौर, स्पेशल डेस्क रिपोर्ट। पाकिस्तान से 2015 में तत्कालीन विदेश मंत्री दिवंगत सुषमा स्वराज (Sushma Swaraj) के प्रयासों से भारत लाई गई गीता (Geeta) के असली परिजनों को लेकर पाकिस्तान (Pakistan) में तो ये खबर है कि गीता (Geeta) उसकी मां के पास पहुंच गई है, लेकिन हकीकत कुछ अलग है। दरअसल, इंदौर आनंद सर्विस सोसायटी द्वारा गीता (Geeta) के परिजनों को तो ढूंढ निकाला गया है और गीता (Geeta) अपनी मीना वाघमरे से मिल भी चुकी है लेकिन अभी भी पेंच इस बात पर अटका है कि गीता (Geeta) और उसके परिजनों का डीएनए (DNA) नहीं मिलान कराया जा रहा है जिसका सीधा मतलब है कि गीता (Geeta) परिजनों के करीब होकर भी अपनी मंजिल से दूर है।

दरअसल, पाकिस्तान (Pakistan) के सामाजिक कल्याण संगठन ने मूक बधिर भारतीय लड़की गीता (Geeta) को सहारा दिया था क्योंकि मूक बधिर गीता (Geeta) को इतना होंश नही था कि वो कब और कैसे अचानक 20 साल पहले पाकिस्तान पहुंच गई थी। वही अब पाकिस्तान के ‘डॉन’ अखबार की एक खबर की माने तो विश्व प्रसिद्ध ईधी वेल्यफेयर ट्रस्ट के पूर्व प्रमुख दिवंगत अब्दुल सत्तार ईधी की पत्नी बिलकिस ईधी का दावा है कि मूक बधिर गीता (Geeta) को महाराष्ट्र में उसकी असली मां से मिला दिया गया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ.... पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....