निगम प्रशासन का कारनामा, डीजल से जला रहे कोरोना मृतकों के शव

Kashish Trivedi
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मप्र सरकार

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्यप्रदेश(Madhyapradesh) में कोरोना(Corona) की स्थिति गंभीर हो गई है। बड़ी संख्या में लोग कोरोना से जिंदगी की जंग हार रहे हैं। जिसके बाद उनके अंतिम संस्कार(Funeral) में भी अब नियम और मान्यताओं की धज्जियां उड़ाई जा रही है। राजधानी भोपाल में इसको लेकर खुलासे सामने आए हैं। जिसमें कोरोना मृतकों को नगर निगम(municipal Corporation) द्वारा डीजल(Diesal) डालकर जलाया जा रहा है। अब इस खुलासे ने निगम प्रशासन की व्यवस्थाओं पर बड़े सवाल खड़े किए हैं।

दरअसल निगम के रिकॉर्ड(Record) के मुताबिक कोरोना से मृत व्यक्तियों के शव को डीजल डालकर उनका अंतिम संस्कार किया जा रहा है जिसके लिए नगर निगम द्वारा 20 लीटर डीजल प्रति शव के हिसाब से दिया जा रहा है। मृतकों पर नगर निगम के हुए खुलासे के बाद निगम की व्यवस्था पर कई सवाल खड़े हो गए हैं। ज्ञात हो कि निगम ने अंतिम संस्कार के लिए दो एंबुलेंस(Ambulance) लगाई है जिसमें प्रति 20 से 40 लीटर डीजल निगम के डीजल टैंक से कर्मचारियों को दिया जाता है। राजधानी में अब तक कुल 280 लोगों की मौत हुई है। जिस पर निगम के रिकॉर्ड के मुताबिक 5400 लिटर डीजल निगम ने शव के अंतिम संस्कार के लिए कर्मचारियों को दिए हैं।

इधर दावा के मुताबिक शव को जलाने के लिए कर्मचारियों ने केन में डीजल देने से मना कर दिया था। जिसके बाद एंबुलेंस कर्मचारी ने डीजल टैंक कर्मचारी के अधिकारियों से फोन पर बात कराई थी। वही दावा यह भी है कि अधिकारी ने फोन पर बात करते हुए कहा था कि डीजल शव जलाने के काम आता है। एक समाचार एजेंसी ने इस बात का ऑडियो अपने पास होने का दावा किया है। वही अपर आयुक्त शाश्वत मीना से जब इस मुद्दे पर बात की गई तो उन्होंने कहा के अंतिम संस्कार के लिए डीजल टैंक से डीजल लिए जाने की जानकारी उन्हें नहीं है। उन्होंने कहा कि उन्होंने ऐसा कोई आदेश जारी नहीं किया है। वहीं उन्होंने इस मामले में डीजल टैंक प्रभारी से चर्चा करने की बात कही है।

बता दे कि हिंदू रीति रिवाज के मुताबिक अंतिम संस्कार के लिए लकड़ी, रोल, धूप का उपयोग किया जाता है। मान्यताओं के मुताबिक सोलह संस्कारों में यह अंतिम संस्कार माना जाता है। इसको लेकर पंडित जगदीश शर्मा ने कहा चिता जलाने के लिए डीजल, पेट्रोल, का प्रयोग वर्जित है।अगर निगम ऐसा कर रहा है तो यह धर्म के खिलाफ है।


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