Pulwama Attack पर बोले पाक मंत्री फवाद चौधरी, कहा- भारत को घर में घुस के मारा

Gaurav Sharma
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नई दिल्ली, डेस्क रिपोर्ट। जम्मू-कश्मीर के पुलवामा में 14 फरवरी 2019 में हुए आतंकवादी (Pulwama Attack) हमले के लिए पाकिस्तान जिम्मेदार था, जिसमें 40 भारतीय अर्धसैनिक बल के जवान शहीद हो गए थे। इस बात को पाकिस्तान के फवाद चौधरी ने संसद में बयान देते हुए कहा कि सीमा पार आतंकवाद को प्रायोजित करने में पाकिस्तान की अहम भूमिका रही है।

संसद में बयान देते हुए फवाद चौधरी ने कहा कि हमने हिंदुस्तान में घुस के मारा है। पुलवामा (Pulwama Attack) में हमारी सफलता, इमरान खान के नेतृत्व में लोगों की सफलता है। आप और हम सभी उस सफलता का हिस्सा हैं।

 

इस बयान ने विधानसभा में हंगामा मचा दिया, जिसके बाद मंत्री फवाद खान अपनी लाइऩ बदलते नजर आए,जिसमें वो कह रहे है कि पुलवामा घटना (Pulwama Attack) होने के बाद हमने भारत में घुस के मारा।

बाद में मंत्री ट्वीट के जरिए अपने संसद में दिए गए बयान से पलटते नजर आए, जिसमें ट्वीट कर उन्होंने कहा कि जब हमारे विमान आपकी सुरक्षा सिद्धांत के विपरीत, लड़ाकू प्रतिष्ठानों को निशाना बनाते हैं। “हम निर्दोष लोगों को मारकर बहादुरी नहीं दिखाते हैं। हम आतंकवाद की निंदा करते हैं।”

 

बता दें कि भारत ने 14 फरवरी को हुए पुलवामा में केंद्रीय रिजर्व पुलिस बल, सीआरपीएफ(Central reserve police force, CRPF) के एक काफिले पर किए गए अटैक के जवाब में पाकिस्तान के बालाकोट में आतंकवादी शिविर पर हवाई हमले के साथ आत्मघाती हमला किया था। भारतीय सैन्य प्रतिष्ठानों को निशाना बनाने के लिए पाकिस्तान ने लड़ाकू जेट भेजकर जवाबी कार्रवाई की थी।

भारतीय वायु सेना द्वारा स्ट्राइक को अवरुद्ध कर दिया गया था लेकिन एक भारतीय विमान नियंत्रण रेखा के पार चला गया और उसके पायलट विंग कमांडर अभिनंदन वर्थमान को पाकिस्तानी सेना ने पकड़ लिया था। जिसके बाद वह दो दिन बाद रिहा हुए थे।

पाकिस्तान के मंत्री फवाद चौधरी ने संसद में विपक्षी नेता अयाज सादिक के हालिया खुलासे को लेकर पलटवार किया है। सादिक ने विदेश मंत्री शाह महमूद कुरैशी और सेना प्रमुख जनरल क़मर जावेद बाजवा पर तंज कसते हुए कहा था कि कुरैशी ने जनरल बाजवा से कहा कि जब तक वे विंग कमांडर वर्थमान को रिहा नहीं करेंगे, भारत पाकिस्तान पर “उस रात 9 बजे तक हमला करेगा।”

सादिक ने कहा था कि मुझे याद है कि शाह महमूद कुरैशी उस बैठक में थे जिसमें (प्रधान मंत्री) इमरान खान ने भाग लेने से मना कर दिया था और थल सेनाध्यक्ष जनरल बाजवा कमरे में आए थे, उनके पैर काँप रहे थे और उनके माथे से पसीना बह रहा था। विदेश मंत्री ने कहा कि भगवान की खातिर अभिनंदन को जाने दो, नहीं तो भारत रात 9 बजे पाकिस्तान पर हमला कर देगा।


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पत्रकारिता पेशा नहीं ज़िम्मेदारी है और जब बात ज़िम्मेदारी की होती है तब ईमानदारी और जवाबदारी से दूरी बनाना असंभव हो जाता है। एक पत्रकार की जवाबदारी समाज के लिए उतनी ही आवश्यक होती है जितनी परिवार के लिए क्यूंकि समाज का हर वर्ग हर शख्स पत्रकार पर आंख बंद कर उस तरह ही भरोसा करता है जितना एक परिवार का सदस्य करता है। पत्रकारिता मनुष्य को समाज के हर परिवेश हर घटनाक्रम से अवगत कराती है, यह इतनी व्यापक है कि जीवन का कोई भी पक्ष इससे अछूता नहीं है। यह समाज की विकृतियों का पर्दाफाश कर उन्हे नष्ट करने में हर वर्ग की मदद करती है।इसलिए पं. कमलापति त्रिपाठी ने लिखा है कि," ज्ञान और विज्ञान, दर्शन और साहित्य, कला और कारीगरी, राजनीति और अर्थनीति, समाजशास्त्र और इतिहास, संघर्ष तथा क्रांति, उत्थान और पतन, निर्माण और विनाश, प्रगति और दुर्गति के छोटे-बड़े प्रवाहों को प्रतिबिंबित करने में पत्रकारिता के समान दूसरा कौन सफल हो सकता है।

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