यात्रियों को प्लेटफॉर्म पर गुजारनी होगी रात,रेलवे का ये फैसला बना कारण 

Atul Saxena
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भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। देश के कई राज्यों के साथ साथ मध्यप्रदेश (Madhyapradesh) में फिर से बढ़ते कोरोना संक्रमण ( Corona Infection) को देखते हुए रेलवे (Railway)ने बड़ा फैसला लिया है। रेलवे ने भोपाल (Bhopal) सहित देश के सभी स्टेशनों पर यात्रियों के ठहरने के लिए बने रिटायरिंग रूम (Retiring room)को एक बार फिर बंद कर दिया है। रेलवे ने मार्च में कोरोना संक्रमण के कारण इन्हें बंद कर दिया था लेकिन जब कोरोना संक्रमण का असर जब कम हुआ था तो रेलवे ने नवम्बर की शुरुआत में रिटायरिंग रूम खोल दिए थे लेकिन फिर संक्रमण बढ़ने के कारण रेलवे ने एक बार फिर रिटायरिंग रूम बंद करने का फैसला लिया है। जिसके चलते अब ट्रेन से सफर करने वाले यात्रियों को रेलवे स्टेशन पर ही रात गुजारनी होगी।

यात्रियों की सुविधाओं को देखते हुए रेलवे एक तरफ ट्रेनों की संख्या  बढ़ा रहा है इससे उलट रेलवे ने एक नया आदेश जारी किया है जिसके तहत जिसके तहत भोपाल सहित देश भर में रेलवे स्टेशनों पर यात्रियों की सुविधा के लिए मौजूद रिटायरिंग रूम को बंद कर दिया है।  इसके पीछे कारण देश में बढ़ता कोरोना संक्रमण बताया जा रहा है।  रिटायरिंग रूम का फायदा उन यात्रियों को अधिक होता था जो देर रात स्टेशन पहुँचते थे या उन्हें रात को ही दूसरी ट्रेन पकड़नी होती थी तो वे होटलों में ज्यादा पैसे चुकाने की जगह रेलवे के रिटायरिंग रूम में कुछ देर रुक जाया  करते थे लेकिन अब ऐसा नहीं हो सकेगा।रेलवे नेअब रिटायरिंग रूम की बुकिंग बंद कर दी है जिसके चलते यात्रियों को अब रात स्टेशन के प्लेटफॉर्म या वोटिंग रूम पर गुजारनी होगी।

गौरतलब है कि भोपाल रेल मंडल के भोपाल, हबीबगंज, इटारसी और बीना रेलवे स्टेशनों पर रिटायरिंग रूम की सुविधा है य रिटायरिंग रूम उन्हीं यात्रियों को मिलते हैं जिनके पास यात्रा के वैध टिकट होते हैं।  यात्री IRCTC की वेबसाइट पर जाकर रिटायरिंग रूम की बुकिंग कराते हैं लेकिन रेलवे ने अब इनकी बुकिंग बंद कर दी है। गौरतलब कि कोरोना संक्रमण के चलते मार्च में जब देश में लॉक डाउन लगा था तब ट्रेन बंद कर दी गई थी और रिटायरिंग रूम भी बंद  कर दिए थे लेकिन पिछले दिनों कोरोना का असर कुछ कम हुआ तो रेलवे ने नवम्बर के पहले सप्ताह में रिटायरिंग रूम की बुकिंग शुरू कर दी थी लेकिन अब जब एक बार फिर देश के कई राज्यों के साथ मध्यप्रदेश में भी  कोरोना के मामले बढे तो रेलवे ने ये फैसला लिया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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