भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। शिवराज सिंह चौहान (shivraj singh chauhan) सरकार प्रदेश के पट्टाधारी किसानों (farmers) को बड़ी सौगात देने जा रही है। इसके तहत पट्टाधारी किसान भी अब प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) से जुड़ सकेंगे। प्रदेश के लगभग दो लाख से ज्यादा किसानों को इस योजना का लाभ मिल पाएगा।
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प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का दायरा बढ़ाने की मध्य प्रदेश सरकार (Madhya Pradesh Government) की कवायद शुरू हो गई है। प्रदेश के कृषि विकास एवं किसान कल्याण मंत्री कमल पटेल (kamal patel) का कहना है कि अब तक ऐसे लोगों को, जो पट्टा धारक हैं,प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) का लाभ नहीं मिलता था जिसके चलते फसल खराब होने पर उन्हें इस योजना के तहत किसी प्रकार की राहत राशि नहीं मिलती थी। प्रदेश भर में ऐसे किसानों की संख्या दो लाख से ज्यादा है। सरकार ने निर्णय लिया है कि ऐसे किसानों को भी इस योजना के दायरे में लाया जाएगा। इसके साथ ही राजस्व ग्राम और पटवारी हल्के के करीब स्थित वनग्रामो को लिंक कर के छोटे व आदिवासी किसानों को भी इस योजना का लाभ दिया जाएगा। यदि गौरतलब है कि वनग्रामों में ज्यादातर किसान पट्टाधारी हैं जिन्हें सरकार की ओर से पट्टे दिए गए हैं। बावजूद इसके वे योजना के लाभ से वंचित रहते हैं। सभी जिलों के कलेक्टरों से कहा गया है कि वे वनग्रामों के पट्टा धारी किसानों का नोटिफिकेशन कर ले।
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इसके साथ ही प्रदेश सरकार ने रबी फसल के लिए 0% ब्याज राशि पर दिए जाने वाले ऋण की वसूली की अवधि एक माह बढ़ा दी है पहले 31 मार्च तक इस फसल ऋण की वसूली होती थी लेकिन क्योंकि इस बार फसलों का उपार्जन शुरू नहीं हो पाया है इसीलिए व्यवहारिक समस्या यह है कि किसानों के हाथ में पैसा अप्रैल के अंत से पहले नहीं आ पाएगा। इसी बात को ध्यान में रखते हुए राज्य सरकार ने यह निर्णय लिया है।
क्या है प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना
हर साल प्राकृतिक आपदा के चलते भारत में किसानों को काफी नुकसान उठाना पड़ता है. बाढ़, आंधी, ओले और तेज बारिश से उनकी फसल खराब हो जाती है. उन्हें ऐसे संकट से राहत देने के लिए केंद्र सरकार ने प्रधानमंत्री फसल बीमा योजना (PMFBY) शुरू की है. इसे 13 जनवरी 2016 को शुरू किया गया था। किसानों को खरीफ की फसल के लिये 2 फीसदी प्रीमियम और रबी की फसल के लिये 1.5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है।PMFBY योजना वाणिज्यिक और बागवानी फसलों के लिए भी बीमा सुरक्षा प्रदान करती है. इसमें हालांकि किसानों को 5% प्रीमियम का भुगतान करना पड़ता है.
भारतीय कृषि बीमा कंपनी (एआईसी या AIC) इस योजना को चलाती है.
योजना के उद्देश्य
प्राकृतिक आपदा, कीड़े और रोग की वजह से सरकार द्वारा अधिसूचित फसल में से किसी नुकसान की स्थिति में किसानों को बीमा कवर और वित्तीय सहायता देना।
2-किसानों की खेती में रुचि बनाये रखने के प्रयास एवं उन्हें स्थायी आमदनी उपलब्ध कराना।
3-किसानों को कृषि में इन्नोवेशन एवं आधुनिक पद्धतियों को अपनाने के लिए प्रोत्साहित करना.
कृषि क्षेत्र में ऋण की उपलब्धता सुनिश्चित करना.