टीकमगढ़, आमिर खान। भाजपा विधायक राकेश गिरी की पत्नी लक्ष्मी गिरी की मुश्किलें अब एक बार फिर बढ़ गई हैं। लक्ष्मी गिरी के खिलाफ दर्ज एफआईआर के मामले में लिए गए स्थगन आदेश को सीजेएम कोर्ट टीकमगढ़ द्वारा पहले ही हटा दिया है। अब इस प्रकरण में पुलिस की लचर कार्यवाही के चलते एक और आदेश मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट टीकमगढ़ ने जारी किया है। इस आदेश में पुलिस की कार्यवाही के लेकर कहा गया है कि यह स्पष्ट है कि अनुसंधान एवं आरोपीगण की गिरफ्तारी में घोर उपेक्षा एवं लापरवाही बरती जा रही है। अतः इस संबंध में पुलिस महानिरीक्षक सागर को सूचना आवश्यक कार्यवाही हेतु भेजी जावे। सूचना की प्रति पुलिस महानिरीक्षक भोपाल एवं गृह सचिव मध्य प्रदेश शासन को सूचनार्थ एवं आवश्यक कार्यवाही हेतु प्रेषित की जावे।
दरअसल आवेदक लक्ष्मण के द्वारा एक आवेदन पत्र इस आशय का प्रस्तुत किया कि आरोपी क्रमांक-1 लक्ष्मी गिरी विधायक की धर्मपत्नी है और वह बिना किसी डर, भय के सार्वजनिक कार्यक्रमों में सम्मिलित हो रहती हैं। पुलिस का व्यवहार आरोपी के प्रति सहानुभूति व सम्मान पूर्वक है। टीकमगढ़ पुलिस जानबूझकर आरोपी लक्ष्मी गिरी को उसके पति राकेश गिरी के प्रभुत्व के कारण गिरफ्तारी में कोई रुचि नहीं ले रही है। इसी आशय का एक आवेदन पत्र 28.10.21 को भी दिया गया था, जिसके संदर्भ में दिनांक 23 नबंवर 21 को थाना प्रभारी कोतवाली द्वारा यह जबाव प्रस्तुत किया गया है कि आरोपीगण के प्रकरण में दरयावगी के भरसक प्रयास किये जा रहे हैं। वर्तमान में लाइन ऑर्डर ड्यूटी एवं खाद वितरण ड्यूटी के कारण विवेचना एवं आरोपीगण की दरयावगी नहीं की जा सकी। पुलिस द्वारा कोर्ट में केश डायरी प्रस्तुत कर यह प्रतिवेदन दिया है कि आरोपीगण की तलाश पतासाजी की गई, जो गिरफ्तारी से बचने के लिए लुकछिप रहे हैं। जबकि आवेदनपत्र में लक्ष्मण रैकवार ने 24 नवंबर के दो अखबारों की कटिंग कोर्ट में प्रस्तुत की, जिसमें फरार आरोपी टीकमगढ़ जिले के पुलिस अधीक्षक के साथ भूमिपूजन करते हुए नजर आ रहे हैं।
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कोर्ट ने कहा कि ऐसे में लक्ष्मण की ओर से जो आवेदन प्रस्तुत किये गए हैं उनके आधार पर यह स्पष्ट है कि अनुसंधान की कार्यवाही में विलंब या ढील कर अभियुक्तगण को लाभ पहुंचाने का कार्य किया जा रहा है। केस डायरी के अवलोकन से यह भी दर्शित है कि अनुसंधान में संबंधित थाना प्रभारी कोतवाली मैना पटेल के द्वारा कोई रुचि नहीं ली जा रही है। कोर्ट ने आदेश में यह भी कहा कि जहां स्वयं पुलिस अधीक्षक टीकमगढ़ प्रशांत खरे मामले की अभियुक्त लक्ष्मी गिरी जिस के संबंध में कोतवाली पुलिस दरियाव पंचनामा बनाकर प्रस्तुत कर रही है उसी के साथ भूमि पूजन के सार्वजनिक आयोजन में एक साथ भूमि पूजन का कार्य कर रहे हैं।
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मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट ने जारी आदेश में स्पष्ट तौर पर कहा है कि पुलिस द्वारा दिये जबाव सद्भावी और संतोषप्रद नहीं हैं। पुलिस कह रही है कि खाद वितरण में ड्यूटी लगी होने के इस मामले में देरी हो रही है। जबकि इसी कोतवाली थाना के कई मामले कोर्ट में प्रस्तुत किये जा रहे हैं। इस आदेश के बाद मामले की अगली तारीख 20 दिसम्बर 21 नियत की गई।