रांची, डेस्क रिपोर्ट। देश में एक तरफ जहां कोरोना संक्रमण (Corona infection) से हालात बदतर हो गए हैं। वहीं दूसरी तरफ राज्य सरकारों द्वारा प्रदेश वासियों के लिए बड़ी-बड़ी योजनाओं को सरकार में शामिल किया जा रहा है। इसी बीच सोरेन सरकार द्वारा एक ऐसा निर्णय लिया गया है। जो न सिर्फ असंवेदनशील है बल्कि अपरिपक्व भी है। जिसके बाद मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की अध्यक्षता में मंत्रिमंडल द्वारा लिए गए फैसले पर अब विपक्षी दलों ने कटाक्ष करना शुरू कर दिया है।
दरअसल झारखंड मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन (hemant soren) की अध्यक्षता में सोमवार को मंत्रिमंडल की बैठक हुई। जिसमें निशुल्क कफन मुहैया कराने जाने संबंधी फैसला लिया गया है। अब इस बात पर राजनीति गरमा गई है। मंत्रिमंडल के इस फैसले के बाद विपक्षी दल बीजेपी ने सोरेन सरकार (soren government) पर जमकर निशाना साधा है। बीजेपी का कहना है कि ऐसा निर्णय अपरिपक्वता की पराकाष्ठा है। साथ ही बीजेपी ने इस योजना को अंधेर नगरी-चौपट राजा का परिणाम बताया है।
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इस मामले में बीजेपी प्रवक्ता कुणाल षोडंगी ने बयान जारी करते हुए झारखंड सरकार (jharkand government) पर निशाना साधा। उन्होंने कहा कि इतिहास में शायद यह पहला मौका होगा, जब किसी सरकार की प्राथमिकता न स्वास्थ्य और ना ही दवा है। उसकी प्राथमिकता में कफन को शामिल किया गया है।
इतना ही नहीं सोरेन सरकार पर तंज कसते हुए बीजेपी (bjp) ने कहा की हुजूर ने ना दवा और न दुआओं के काबिल समझा, बेचारी जनता को बस कफन के काबिल समझा। बता दे कि झारखंड में संक्रमण दरी में कमी देखी गई है। वही रिकवरी रेट (recovery rate) में तेजी से सुधार आ रहे हैं। इस बीच सरकार द्वारा इस तरह का निर्णय लिया जाना, राज्य सरकार को घेरने के लिए पर्याप्त है। दूसरी तरफ आम जनता को भी विस्मय की स्थिति में डालने वाला है। हालांकि विपक्षी दलों द्वारा निशाना साधे जाने के बाद अभी तक सोरेन सरकार की तरफ से कोई प्रतिक्रिया सामने नहीं आई है।