महाकौशल के वर्चस्व पर सियासत: बोले तन्खा- कांग्रेस शासनकाल में जबलपुर से होते थे निर्णय

Kashish Trivedi
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विवेक तन्खा

भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश कांग्रेस (MP Congress) नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा (vivek tankha) ने एक बार फिर से सरकार के नेतृत्व और महाकौशल को लेकर बड़ा बयान दिया है। दरअसल मीडिया (media) से चर्चा के दौरान विवेक तन्खा ने कहा कि कांग्रेस सरकार के 15 महीने के कार्यकाल में निर्णय भोपाल से नहीं बल्कि महाकौशल (mahakaushal) से लिए जाते थे। लेकिन आज महाकौशल की स्थिति को सोचता हूं तो तकलीफ होती है।

राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि कांग्रेस के शासनकाल में जबलपुर को उसके हिस्से का स्वाभिमान मिला था। कैबिनेट बैठक जबलपुर में आयोजित की गई थी। जो पिछले 50 सालों में नहीं किया गया था। आगे भी 50 साल तक जबलपुर में दोबारा कैबिनेट की बैठक (cabinet meeting) आयोजित नहीं होगी। बता दें कि शिवराज सरकार (shivraj government)  पर आए दिन महाकौशल को दरकिनार करने के इल्जाम लगते रहे हैं। कांग्रेस के दिग्गज नेता और राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा के अलावा बीजेपी के ही अजय विश्नोई (ajay vishnoi) लगातार महाकौशल को दरकिनार करने की शिकायत कई बार कर चुके हैं।

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जबलपुर की जनता से सवाल करते हुए राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि जनता को यह समझने की जरूरत है कि आखिर उसका समर्थन किसको है। राकेश सिंह के सवाल पर जवाब देते हुए मीडिया कर्मियों से चर्चा के दौरान राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा कि अगर आप ऐसे लोगों का समर्थन करें। जिनकी आवाज सुनी ही नहीं जाती है तो यह दिक्कत जबलपुर जनता के लिए ही है।

कर्ज में डूबे मध्य प्रदेश के सवाल पर राज्यसभा सांसद विवेक तन्खा ने कहा विकास की गति को हवा देना विकास का साधन नहीं है। समझदार सरकार वो है, जो नई रिसोर्सेज को जनरेट करें। कांग्रेस नेता विवेक तन्खा ने कहा कि अगर लोन लेकर पूंजी जनरेट किया जाए तो वह एक तरह का बोझ होता है। तन्खा ने कहा कि मध्यप्रदेश सरकार को मध्यप्रदेश में रोजगार के साधन सहित उत्पादन बढ़ाने की जरूरत है। जिससे पूंजी का निर्माण किया जा सके। लोन लेकर पूंजी का निर्माण उचित पॉलिसी नहीं है।


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