सोमवार के दिन करें शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ, भगवान शिव होंगे प्रसन्न, कभी नहीं होगी धन की कमी

भावना चौबे
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Shivashtak Stotram: सप्ताह का प्रत्येक दिन किसी न किसी देवी देवताओं को समर्पित रहता है। ठीक वैसे ही सोमवार का दिन भगवान शिव को समर्पित होता है। इस दिन भक्तजन श्रद्धा-भाव से भगवान शिव जी के लिए पूजा-पाठ, अभिषेक करते हैं और व्रत रखते हैं। सच्चे मन और विधि विधान से भगवान शिव की पूजा करने से वह अपने भक्तों की सभी मनोकामनाएं पूरी करते हैं।

इसके अलावा लोग भगवान शिव को प्रसन्न करने के लिए तरह-तरह के उपाय भी करते हैं। ऐसे में संबंधी समस्याओं से परेशान हो रहे लोगों को सोमवार के दिन अपनी समस्याओं से निवारण पाने के लिए शिव जी की पूजा जरूर करनी चाहिए। पूजा के साथ शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ भी जरूर करना चाहिए। ऐसा कहा जाता है कि अगर शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ सोमवार के दिन किया जाए, तो यह बेहद फलदायक साबित होता है।

शिवाष्टक स्तोत्र का महत्व

शिवाष्टक देवो के देव महादेव शिव को प्रसन्न करने और उनका आशीर्वाद प्राप्त करने का एक महामंत्र है। शिवजी की प्रशंसा में अनेकों अष्टकोंट की रचना हुई है। जिसमें से शिवाष्टक का विशेष महत्व है। शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करने से भगवान शिव बहुत प्रसन्न होते हैं और भक्तों को सुख-समृद्धि और सौभाग्य का आशीर्वाद देते हैं। इसके अलावा इस स्तोत्र का पाठ करने से शरीर में सकारात्मक ऊर्जा फैलती है और नकारात्मक ऊर्जा का नाश होता है।

सोमवार के दिन यहां नीचे दिए गए इस शिवाष्टक स्तोत्र का पाठ करें।

शिवाष्टक स्तोत्र

जय शशि शेखर, जय डमरूधर, जय जय प्रेमागर हरे।

जय त्रिपुरारी, जय मदहारी, अमित, अनन्त, अपार हरे।।

निर्गुण जय जय, सगुण अनामय, निराकार साकार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ।।

जय रामेश्वर, जय नागेश्वर, वैद्यनाथ, केदार हरे ।

मल्लिकार्जुन, सोमनाथ जय, महाकाल ओंकार हरे।।

त्रयम्बकेश्वर, जय घुश्मेश्वर, भीमेश्वर, जगातार हरे।

काशी पति श्री विश्वनाथ जय, मंगलमय, अघहार हरे।।

नीलकण्ठ जय, भूतनाथ जय, मृत्युञ्जय अविकार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ।।

जय महेश, जय जय भवेश, जय आदिदेव, महादेव विभो।

किस मुख से हे गुणातीत, प्रभु तव अपार गुण वर्णन हो ।।

जय भवकारक तारक, हारक, पातक-दारक शिव शम्भो।

दीन दुःखहर, सर्व सुखाकर, प्रेम-सुधाधर दया करो।।

पार लगा दो भवसागर से, बन कर कर्णाधार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ।।

जय मनभावन, जय पतितपावन, शोक नशावन शिवशम्भो।

विपद विदारन, अधम उद्धारन, सत्य सनातन शिवशम्भो।।

सहज वचनहर, जलज नयनवर, धवल-वरन-तन शिवशम्भो ।

मदन-कदन-कर, पाप-हरन-हर, चरन-मनन-धन शिवशम्भो ।।

विवसन, विश्वरूप प्रलयंकर, जग के मूलाधार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे ।।

भोलानाथ कृपालु, दयामय, औढरदानी शिव योगी।

निमिष मात्र में देते हैं, नव निधि मनमानी शिव योगी।।

सरल हृदय, अति करुणा सागर, अकथ कहानी शिव योगी ।

भक्तो पर सर्वस्व लुटाकर, बने मसानी शिव योगी ।।

स्वयं अकिंचन, जन मन रंजन, पर शिव परम उदार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे।।

आशुतोष ! इस मोहमायी निद्रा से मुझे जगा देना।

विषम वेदना से विषयों की मायाधीश छुड़ा देना ।।

रूप सुधा की एक बूंद से जीवन मुक्त बना देना।

दिव्य ज्ञान भण्डर युगल चरणों की लगन लगा देना ।।

एक बार इस मन मन्दिर में कीजे पद-संचार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे।।

दानी हो दो भिक्षा में, अपनी अनुपायनी भक्ति प्रभो।

शक्तिमान हो दो अविचल, निष्काम प्रेम की शक्ति प्रभो।।

त्यागी हो दो इस असार, संसार से पूर्ण विरक्ति प्रभो।

परमपिता हो दो तुम अपने, चरणों में अनुरक्ति प्रभो ।।

स्वामी हो निज सेवक की, सुन लेना करुण पुकार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे।।

तुम बिन ‘बेकल’ हूँ प्राणेश्वर, आ जाओ भगवन्त हरे।

चरण शरण की बांह गहो, हे उमारमण प्रियकन्त हरे।।

विरह व्यथित हूँ दीन दु:खी हूँ, दीनदायल अनन्त हरे।

आओ तुम मेरे हो जाओ, आ जाओ श्रीमन्त हरे।।

मेरी इस दयनीय दशा पर, कुछ तो करो विचार हरे।

पारवती पति हर हर शम्भो, पाहि पाहि दातार हरे।।

 


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इस रंगीन दुनिया में खबरों का अपना अलग ही रंग होता है। यह रंग इतना चमकदार होता है कि सभी की आंखें खोल देता है। यह कहना बिल्कुल गलत नहीं होगा कि कलम में बहुत ताकत होती है। इसी ताकत को बरकरार रखने के लिए मैं हर रोज पत्रकारिता के नए-नए पहलुओं को समझती और सीखती हूं। मैंने श्री वैष्णव इंस्टिट्यूट ऑफ़ जर्नलिज्म एंड मास कम्युनिकेशन इंदौर से बीए स्नातक किया है। अपनी रुचि को आगे बढ़ाते हुए, मैं अब DAVV यूनिवर्सिटी में इसी विषय में स्नातकोत्तर कर रही हूं। पत्रकारिता का यह सफर अभी शुरू हुआ है, लेकिन मैं इसमें आगे बढ़ने के लिए उत्सुक हूं। मुझे कंटेंट राइटिंग, कॉपी राइटिंग और वॉइस ओवर का अच्छा ज्ञान है। मुझे मनोरंजन, जीवनशैली और धर्म जैसे विषयों पर लिखना अच्छा लगता है। मेरा मानना है कि पत्रकारिता समाज का दर्पण है। यह समाज को सच दिखाने और लोगों को जागरूक करने का एक महत्वपूर्ण माध्यम है। मैं अपनी लेखनी के माध्यम से समाज में सकारात्मक बदलाव लाने का प्रयास करूंगी।

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