भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में होमगार्ड (homeguard) की तैनाती को विस्तार देने के लिए मध्य प्रदेश होमगार्ड नियम-2016 (Madhya Pradesh Home Guard Rules 2016) में शिवराज सरकार (shivraj government) द्वारा संशोधन किए गए हैं। इन संशोधन के आधार पर अब राज्य सरकार के अनुमोदन से विभागों में स्वयंसेवी होमगार्ड और अधिकारी की तैनाती की जा सकेगी। इसके साथ ही होमगार्ड की सेवा प्राप्त करने वाले विभागों द्वारा होमगार्ड को सभी भत्तों की 150% की राशि के बराबर भुगतान करना होगा।
दरअसल मध्य प्रदेश होमगार्ड नियम 2016 की धारा 29 में संशोधन के बाद होमगार्ड की सेवा प्राप्त कर रहे केंद्र अथवा राज्य शासन के उपक्रम द्वारा ही स्वयंसेवी होमगार्ड को 150% भत्तों की बराबर राशि का भुगतान करना होगा। इसके लिए होमगार्ड उपलब्ध करवाने वाले को राशि भुगतान करने से मुक्ति मिलेगी। इसके अलावा केंद्र सरकार के विभाग तथा मध्य प्रदेश राज्य के विभाग में तैनाती की अवधि के के दौरान यदि अधिकारी स्वयंसेवी होमगार्ड घायल होते हैं या उनकी मृत्यु होती है तो ऐसे में सेवा प्राप्त कर रहे विभाग द्वारा ही होमगार्ड अधिकारियों के क्षति की पूर्ति की जाएगी।
Read More: जब गाड़ी छोड़ पैदल ही चल दिये “महाराज”, पानी की टिकिया वाले से पूछा कैसा चल रहा व्यापार?
इतना ही नहीं होमगार्ड की तैनाती के बदले केंद्र सरकार के विभाग अथवा राज्य सरकार के उपक्रम से प्राप्त राशि में से 10% की राशि होमगार्ड की केंद्रीय कल्याण कोष में जमा की जाएगी। मध्यप्रदेश होम गार्ड नियम 2016 के नियम 29 में संशोधन राजपत्र में प्रकाशित किए जा चुके हैं। अब राज्य सरकार के विभागों में होम गार्ड तैनाती पर विभागों को कोई राशि नहीं देनी पड़ेगी। पहले राज्य सरकार के विभागों पर तैनात होम गार्ड के वेतन भत्तों के डेढ़ सौ गुना (150 %) का भुगतान करने का बंधन था।
अब यह बंधन राज्य सरकार के विभागों पर से समाप्त हो गया है। राज्य सरकार के निगमों, भारत सरकार के विभागों और भारत सरकार के निगमों में पूर्ववत डेढ़ सौ गुना भुगतान की शर्त लागू रहेगी। प्रदेश में वर्तमान में लगभग 11 हज़ार होम गार्ड तैनात हैं। प्रदेश के अनेक विभाग जैसे माइनिंग, आबकारी आदि को होम गार्ड की आवश्यकताऐं पड़ती थी पर 150% भुगतान के नियम के चलते होम गार्ड की सेवाऐँ नहीं ले पाते थे। इस नियम परिवर्तन से माफ़ियाओं के विरुद्ध अभियान में मदद मिलेगी।