भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। मध्य प्रदेश में लोकायुक्त संगठन (lokayukta organization) और आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ (EOW) को शिवराज सरकार (shivraj government) ने बड़ी राहत दी है। दरअसल जांच एजेंसी (investigative agency) पर शिकंजा कसने के मामले में सरकार ने अपना फैसला बदल दिया है। सरकार ने आर्थिक अपराध के मामले में जांच से पहले राज्य शासन से अनुमति लेने की अनिवार्यता को पूरी तरह से समाप्त कर दिया है।
दरअसल राज्य सरकार ने आर्थिक अपराध प्रकोष्ठ और लोकायुक्त संगठन को जांच से पहले राज्य शासन से अनुमति देने की अनिवार्यता के निर्देश दिसंबर 2020 9 जनवरी 2021 में दिए थे। हालांकि मंगलवार को इस निर्देश को पूरी तरह से निष्प्रभावी करने के बाद शिवराज सरकार ने कहा है कि जल्द इस मामले में निर्देश जारी किए जाएंगे।
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शिवराज सरकार ने दिसंबर 2020 से जनवरी 2021 में एक आदेश जारी किया था। जिसके मुताबिक राज्य सरकार ने लोकायुक्त EOW से सीधे जांच का अधिकार छीन लिया था। मामले में शिवराज सरकार ने निर्देश जारी करते हुए कहा था कि इन एजेंसियों को भ्रष्टाचार के मामले में जांच से पहले प्रशासन विभाग (administration Department) की अनुमति अनिवार्य होगी।
इसके लिए अधिकारी कर्मचारी को पहले सामान्य प्रशासन विभाग में प्रतिवेदन प्रस्तुत कर अनुमति लेनी होती थी। इसके बाद ही ईओडब्ल्यू (EOW) भ्रष्टाचार निवारण अधिनियम की धारा (Section of the Prevention of Corruption Act) के तहत कार्रवाई कर सकते थे।
हालांकि शिवराज सरकार के इस आदेश का कांग्रेस (congress) सहित लोकायुक्त द्वारा भी पत्र भेजकर नाराजगी जाहिर की गई थी। इस मामले में कांग्रेस ने सरकार को घेरने का भी काम किया था जिसके बाद शिवराज सरकार ने इन दोनों निर्देशों पर आगामी आदेश तक के लिए रोक लगा दी है।