भोपाल, डेस्क रिपोर्ट। पूरे देश सहित मध्य प्रदेश (madhya pradesh) में कोरोना संक्रमण (corona infection) का सबसे ज्यादा असर आर्थिक स्थिति पर पड़ा है। वहीं मध्य प्रदेश में आगामी नगर निकाय (urban bodY) और पंचायत चुनाव (panchayat election) को लेकर भी सरकार को आर्थिक चुनौतियों का सामना करना पड़ा है। वहीं एक बार फिर से शिवराज सरकार (shivraj government) कर्ज लेगी। दरअसल बजट सत्र (budget session) के दूसरे दिन 23 फरवरी को शिवराज सरकार बाजार से 3000 करोड़ रुपए का कर्ज ले रही है।
जानकारी के मुताबिक मार्च महीने में नगरीय निकाय चुनाव की तारीखों का ऐलान हो जाएगा। जिसके बाद पूरे प्रदेश में आचार संहिता लागू हो जाएगी। इसको देखते हुए शिवराज सरकार नगरीय निकाय, पंचायत चुनाव से पूर्व खुले बाजार से कर्ज उठा रही है। इन कर्ज की राशि का उपयोग आत्मनिर्भर मध्य प्रदेश (aatmnirbhar madhya pardesh) के विकास के प्रोजेक्ट के लिए किया जाएगा। इसके लिए वित्त विभाग ने नोटिफिकेशन (notification) जारी कर दिया है।
बता दें कि इससे पहले शिवराज सरकार एक 11 महीने में कुल 26 बार 35 हजार करोड़ रुपए का कर्ज ले चुकी है। अकेले फरवरी माह में शिवराज सरकार ने तीन बार खुले मार्केट से 11000 करोड रुपए का लोन उठाया है। गौरतलब हो 2019-20 के बजट में केंद्र सरकार द्वारा मध्य प्रदेश सरकार को 61000 करोड़ मिलने थे लेकिन कोरोना संक्रमण की वजह से केंद्रीय करों में हिस्सेदारी कम हुई थी। जिसके बाद मध्य प्रदेश को महज 45000 करोड रूपए ही मिले थे।
हालांकि वित्तीय संकट को देखते हुए केंद्रीय सरकार ने शिवराज सरकार को 14000 करोड़ रुपए अतिरिक्त कर लेने की अनुमति दी थी। मध्य प्रदेश सरकार पर पहले से ही 33,630 करोड़ रुपए का कर्ज है। अब ऐसी स्थिति में एक बार फिर लॉन्ग टर्म के लिए शिवराज सरकार 3000 करोड़ रूपए का कर्ज बाजार से उठाने जा रही है।