भोपाल।
अधिकारियों को खुले तौर पर चेतावनी देने के बाद मध्य प्रदेश कांग्रेस कमेटी के कार्यकारी अध्यक्ष जीतू पटवारी ने (Jeetu Patwari, acting president of Madhya Pradesh Congress Committee) कृषि मंत्री कमल पटेल (agriculture minister kamal patel) पर पलटवार किया है।पटवारी ने कहा कि कमल पटेल को काम की बात करना चाहिये और किसानों के लिये इंतजाम करना चाहिये, अपनी अक्षमता छुपाने के लिये वे आईएएस अधिकारियों (IAS Officers) को काला अंग्रेज कहकर अपमानित न करें। उन्होंने मुख्यमंत्री (Chief Minister Shivraj singh chouhan)से मांग की है कि सरकार को ऐसे अयोग्य व्यक्ति को मंत्रीमंडल से तत्काल बर्खास्त कर देना चाहिये
पटवारी ने प्रश्न किया कि शिवराज जी यह भी बतायें क्या रंगभेद उनकी सरकार की नीति का हिस्सा है?पटवारी ने मांग की कि कमल पटेल अगर समय पर बारदाने का इंतजाम नहीं कर पाते हैं तो प्रदेश के किसान उनका रंग सुधार देंगे। कमलनाथ जी(kamalnath) की सरकार में दक्षता की कदर थी काले या गोरे के आधार पर वहां फैसले नहीं होते थे। केवल खबर बनाने के लिए इस तरह के बयान देना अधिकारी समाज की अवमानना है ।
कमल पटेल को चाहिए कि कोरी बयानबाजी करने की बजाय वे देखें कि दूसरे राज्यों के गरीबों का गेंहूं मध्यप्रदेश के उपार्जन का हिस्सा न बन जाये।जैसा सागर(sagar) के सुरखी क्षेत्र में होता रहा है।पीडीएस (PDS) का चावल भाजपा के कार्यकर्ताओं के वेयरहाऊस न पहुंचे जैसा मंदसौर में हुआ है।आज आपदा को अवसर बनाकर जनता का राशन लूटने वालों पर नकेल कसने की जरूरत है न कि गाल बजाने की।
जीतू यही नही रुके और आगे कहा कि पूरे प्रदेश में उपार्जन का तो शोर मचाया जा रहा है लेकिन बारदाने की किल्लत दूर नहीं की जा रही है। कृषि मंत्री पटेल एक तरफ खुद बारदाना कम होने की बात स्वीकार कर केंद्र पर दोष मढ़ रहे हैं तो दूसरी तरफ सहकारिता मंत्री गोविंद राजपूत बारदाने की कमी को नकार रहे हैं और इन दोनों मंत्रियों के झगड़े में किसान हलाकान हो रहा है। उसे तीन तीन दिन तक लाइन में खड़े होने के लिए मजबूर होना पड़ रहा है। इस भीषण गर्मी में बिना पानी भोजन की व्यवस्था के किसान ही जानता है कि वह किस तरह लाइन में लगा है ।