मध्यप्रदेश (Madhya Pradesh) में कोरोना का खतरा लगातार बढ़ता ही जा रहा है और इसका असर अब प्रदेश की आर्थिक स्तिथि (Economic situation) पर भी दिखता नजर आने लगा है। लॉकडाउन के चलते 50 फीसदी बड़े तो वहीं 93 फीसदी छोटे उघोग बंद हो गए हैं। राज्य के 370 बड़े उघोगों में से सिर्फ 173 ही चल पा रहे हैं। छोटे उघोगों पर कोरोना की सबसे ज्यादा प्रभाव देखने को मिल रहा है. हालात यह है कि 22 हजार 307 छोटे उघोग में से सिर्फ 1 हजार 449 उघोग ही वर्तमान में चालू हैं। इससे निपटने के लिए मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने अब एक उच्च स्तरीय कमेटी का गठन किया है। जिससे की इस मुश्किल परिस्तिथि से निपटा जा सके.
शिवराज सिंह (Shivraj Singh) की सरकार के लिए इस कोरोना काल में एक और बड़ा मुद्दा है ओर वो है बेरोजगारी से निपटना और साथ ही इसका निवारण करना। सरकार इसके लिए कई बड़े उपाय भी कर रहीं हैं। प्रदेश में आर्थिक गतिविधियों को बढ़ावा देने के लिए शिवराज सरकार सरकारी सेक्टर के प्रोजेक्ट की गतिविधियों को बढ़ाने पर भी विचार कर रहीं हैं। इंदौर में भी हालात काफी खराब है जहां आने वाले कुछ समय तक मुश्किलें बनी रह सकती हैं। इस बीच सरकार की तरफ से कुछ कदम उठाए जा रहे हैं जैसे ग्रामीण क्षेत्र में मनरेगा, पीएम आवास व अन्य निर्माण तेजी से शुरू किए जा रहे हैं। मध्यप्रदेश में इंडस्ट्री व स्व-सहायता समूहों के माध्यम से भी इस पर तेजी से काम किया जा रहा हैं।
कुछ सेक्टर्स जैसे टूरिज्म, ट्रेवल, होटल की डिमांड आने वाले कुछ समय तक नहीं बढ़ेगी। इन सेक्टर के सामने ज्यादा चुनौती होगी। वहीं अर्थ-व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिए शिवराज सरकार को निवेश भी बढ़ाना होगा, जिससे लोगों को काम मिले और अर्थ-व्यवस्था में भी मजबूती आए।