इंदौर।आकाश धोलपुरे
कोरोना(corona) के हॉटस्पॉट(hotspot) इंदौर(indore) में सोमवार को डॉक्टरों(doctors) और मेडिकल स्टाफ(medical staff) के जान से खिलवाड़ करने का सनसनीखेज मामला सामने आया है। सोमवार को एम.वाय.अस्पताल(M.Y.Hospital) के डॉक्टरों ने जब N- 95 मास्क(N95 mask) में स्पंज भरा पाया तो संक्रमण की आशंका से उन्होंने मास्क को उपयोग करने से इंकार कर दिया और इसी आशंका के चलते एम. वाय. अस्तपाल के डॉक्टर्स ने करीब 1 हजार मास्क लौटा दिए।
बताया जा रहा है कि एन-95 मास्क के बजाय घटिया क्वालिटी के मास्क एम.वाय. अस्पताल और मेडिकल स्टॉफ को दिए गए थे। इसके बाद मामला एम.जी.एम. मेडिकल कॉलेज और एम.वाय. अस्पताल प्रबंधन तक पहुंचा। वही जिला प्रशासन केेे संज्ञान में मामला आने के बाद मास्क की बारीकी से जांच की गई तो प्रथम दृष्टया गड़बड़ी पाई इसके बाद कलेक्टर मनीष सिंह ने तत्काल कार्रवाई करते हुए स्वास्थ्य विभाग के स्टोर प्रभारी डॉ माधव हासानी को पद से हटा दिया और जांच के आदेश दिए है। इसके बाद आनन – फानन डॉ. नीरज राजगीर को स्टोर प्रभारी की जिम्मेदारी सौंपी गई है।
CMHO ने मामले में दी ये जानकारी
कोरोना को दावत देने वाली इस गम्भीर चूक के बाद इंदौर के मुख्य चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी डॉक्टर प्रवीण जाड़िया ने बताया कि स्टोर कीपर से जानकारी मिली है कि एम. वाय.अस्पताल से 1 हजार मास्क वापस किये गए है और 2 हजार नये मास्क मांगे गए है। उन्होंने बताया कि क्वालिटी को लेकर कुछ बात सामने आई है और 2 हजार मास्क मांगे है जिन्हें जल्द ही उप्लब्ध करवाया जाएगा। डॉ. जाड़िया ने बताया कि मास्क देखने के बाद पता चलेगा कि उसमें क्या दिक्कत है और इसलिए स्टोर कीपर से वो मास्क मैंने मंगवाए है।
उन्होंने बताया कि स्टोर प्रभारी डॉ. माधव हसानी थे और उनकी जगह पर अब डॉक्टर नीरज राजगीर को प्रभारी बनाया गया है। वही उन्होंने डॉ. हसानी को हटाने पर पूछे गए सवाल के जबाव में कहा है कि खरीदी और क्वालिटी को लेकर जो सम्भावना पाई गई थी उसकी जांच चल रही है तब तक के लिए डॉ. हसानी को हटाकर डॉ. नीरज राजगीर को प्रभारी बनाया गया है। CMHO ने माना कि मास्क और पीपीई किट को लेकर अनियमितता की शिकायत आई है। फिलहाल, इस मामले के सामने आने के बाद हड़कम्प मच गया है।
डॉ. हसानी को अपर CMHO पद से भी हटाया गया था
डॉक्टर माधव हासानी ने विगत दिनों जिले के ऐसे तमाम डॉक्टरों को कर्तव्य से अनुपस्थित होना दर्शा दिया था जिनकी ड्यूटी कोरोना के नियंत्रण में लगी थी। करीब 10 डॉक्टरों में से आधे से थे जो ड्यूटी करते पाए गए थे। जब यह गड़बड़ी कलेक्टर मनीष सिंह के सामने आई तो उन्होंने भ्रामक जानकारी देने और डॉक्टरों को अकारण ही प्रताड़ित करने और दंडित कराने का दोषी मानते हुए अपर सीएमएचओ पद से हटा दिया था । अब हासानी के खिलाफ नकली मास्क और किट से जुड़ा मामला सामने आया है तो उम्मीद की जा रही है कि उनके खिलाफ कठोर कार्यवाही होना तय है।