तीन दिन के विधानसभा सत्र पर पूर्व मंत्री ने जताई आपत्ति,सरकार पर लगाए ये आरोप

Atul Saxena
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ग्वालियर, अतुल सक्सेना। मध्यप्रदेश विधानसभा (Madhya Pradesh Legislative Assembly) के शीतकालीन सत्र (winter session) की घोषणा के साथ ही इसका विरोध भी शुरू हो गया है। वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह (DR Goving singh) ने सत्र की समय अवधि कम होने को लेकर सवाल खड़े किये हैं। उन्होंने कहा कि तीन दिन में जनता से जुड़ी समस्याओं पर चर्चा ही नहीं हो पायेगी। उन्होंने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार अपनी नाकामी और भृष्टाचार छिपाना चाहती है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार समय कम देकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है।

पिछले दिनों विधानसभा का सत्र बुलाये जाने के लिये राज्यपाल को पत्र लिखकर अनुरोध करने वाले कांग्रेस के वरिष्ठ विधायक एवं पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने ग्वालियर में पत्रकारों से बात करते हुए विधानसभा के शीतकालीन सत्र की तीन दिन की अवधि पर आपत्ति जताई है। गौरतलब है कि संसदीय कार्य मंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने जानकारी देते हुए आज बताया कि शीत कालीन सत्र 28,29 और 30 दिसंबर तीन दिन चलेगा।

लोकतंत्र का गला घोंट रही सरकार

डॉ गोविंद सिंह ने आपत्ति जताते हुए कहा कि 3 दिन में जन समस्याओं पर चर्चा ही नहीं हो सकती , एक दिन तो सप्लीमेंट्री बजट में ही चला जाएगा । जबकि इस सत्र में कोरोना संकट, किसान समस्या और बेरोजगारी समस्या पर चर्चा होनी है। उन्होंने कहा कि शिवराज सरकार समय कम देकर अपनी जिम्मेदारियों से बच रही है। पूर्व मंत्री ने आरोप लगाए कि पिछले आठ महीने के कार्यकाल में सरकार ने जमकर भृष्टाचार किया है। 5 रुपये का मास्क 50रुपये में खरीदा है, कोरोना के नाम पर भृष्टाचार किया है । सरकार इसपर चर्चा से बचना चाहती है। इसलिए सत्र छोटा रखा है उन्होंने कहा शिवराज सरकार लोकतंत्र का गला घोंट रही है। शिवराज सरकार के आठ महीने के कार्यकाल में पहला सत्र नौ मिनट चला, दूसरा सत्र डेढ़ घंटे चला अब ये तीसरा सत्र तीन दिन के लिये चलना चाहते हैं मैं तो अनुरोध करूँगा कि ये कम से कम 10 दिन का होना चाहिए।

निंदा प्रस्ताव पर कहा जो दोषी हो पार्टी एक्शन ले

पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने उनको नेता प्रतिपक्ष बनाये जाने की चर्चा पर कहा कि पार्टी में कहीं कोई चर्चा नहीं है
मैं किसी दौड़ में नही हूँ। ये फैसला पार्टी को करना है। अपने खिलाफ लाये गए भिंड जिला अध्यक्ष जय श्रीराम बघेल द्वारा निंदा प्रस्ताव लाये जाने पर पूर्व मंत्री डॉ गोविंद सिंह ने कहा कि भिंड जिला अध्यक्ष सर्व शक्तिमान है उसके पास अधिकार होंगे तभी उन्होंने ऐसा किया है, मैं पार्टी आलाकमान से मिलकर अपनी बात कहूंगा । मैं पार्टी के अंदर की बात मीडिया में नही लाना चाहता । गौरतलब है कि भिंड जिला अध्यक्ष ने गोविंद सिंह पर भितरघात के आरोप लगाए हैं और हार के लिए उन्हें जिम्मेदार बताया है। गोविंद सिंह ने कहा कि मैंने 10 विधानसभा में पार्टी प्रत्याशी के लिए काम किया पांच जीत गए पांच हार गए अब ये मेरे हाथ में टी है नहीं कि सभी जीत जाएं। मै तो चाहता हूँ पार्टी फैसला करे। वो जांच करे जो भी दोषी हो उसके खिलाफ एक्शन लिया जाए।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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