हैवानियत की पराकाष्ठा, पति ने कुल्हाड़ी से काट दिए पत्नी के हाथ, चेहरे पर भी दिए घाव

Atul Saxena
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बैतूल, वाजिद खान। बैतूल (Betul) जिले में हैवानियत का एक ऐसा मामला सामने आया है जिसे सुनकर ही रूह कांप उठती है। खास बात ये है कि जो घटना सामने आई है उसमें आरोपी एक पति (Husband) है जिसने अग्नि को साक्षी मानते हुए पत्नी (Wife) की सुरक्षा का वचन ईश्वर और समाज को दिया था। लेकिन मामूली पारिवारिक विवाद में उसके सिर पर ऐसा भूत सवार हुआ कि उनसे अपनी ब्याहता पत्नी पर कुल्हाड़ी (Axe) से जानलेवा हमला (Attack) कर दिया। महिला को गंभीर हालत में भोपाल (Bhopal) रेफर किया गया है जहाँ उसकी हालत नाजुक बनी हुई है।

पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक बैतूल जिले के चिचोली के सोनी मोहल्ला तिलक वार्ड में रहने वाले राजू वंशकार  का किसी बात पर पत्नी से विवाद हो गया। विवाद इतना बढ़ गया कि राजू का गुस्सा सातवे आसमान पर चढ़ गया और उसने घर में रखी कुल्हाड़ी से पत्नी पर ताबड़तोड़ वार (Attack) कर दिए। घटना सुबह करीब 5:30 बजे की बताई गई है। राजू वंशकार गुस्से में इतना पागल हो गया था कि उसने पत्नी के दोनों हाथ काट डाले और उसके चेहरे पर भी कई घाव कर दिए।

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हमला इतनी ताकत से किया गया था कि महिला का एक हाथ पूरी तरह से कट गया जबकि दूसरे हाथ की उंगलियां कट गई। घटना के बाद आरोपी पति फरार हो गया। सूचना पर मौके पर पहुंची पुलिस ने घायल महिला को तुरंत उपचार के लिए चिचोली स्वास्थ्य केंद्र भिजवाया, जहां से उसे जिला अस्पताल भेजा गया लेकिन महिला की हालत गंभीर होने के कारण उसे भोपाल रैफर कर दिया गया।

चिचोली टी आई अजय सोनी ने बताया कि इस मामले में शून्य पर फिलहाल प्रकरण दर्ज किया गया है आरोपी की गिरफ़्तारी नहीं हो सकी है घटना (Attack) की वजह को लेकर उन्होंने बताया कि पारिवारिक विवाद और पति का मानसिक रूप से कमजोर होना इस घटना का मूल कारण सामने आया है फिलहाल मामले की जांच की जा रही है महिला को उपचार के लिए अस्पताल में भर्ती कराया गया है।


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पत्रकारिता मेरे लिए एक मिशन है, हालाँकि आज की पत्रकारिता ना ब्रह्माण्ड के पहले पत्रकार देवर्षि नारद वाली है और ना ही गणेश शंकर विद्यार्थी वाली, फिर भी मेरा ऐसा मानना है कि यदि खबर को सिर्फ खबर ही रहने दिया जाये तो ये ही सही अर्थों में पत्रकारिता है और मैं इसी मिशन पर पिछले तीन दशकों से ज्यादा समय से लगा हुआ हूँ....पत्रकारिता के इस भौतिकवादी युग में मेरे जीवन में कई उतार चढ़ाव आये, बहुत सी चुनौतियों का सामना करना पड़ा लेकिन इसके बाद भी ना मैं डरा और ना ही अपने रास्ते से हटा ....पत्रकारिता मेरे जीवन का वो हिस्सा है जिसमें सच्ची और सही ख़बरें मेरी पहचान हैं ....

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