अशोकनगर डेस्क रिपोर्ट।हितेन्द्र बुधौलिया- कुर्सी की महिमा अजीब है। इसे बचाने के चक्कर में लोग न जाने क्या क्या कर जाते हैं ।ताजा मामला अशोकनगर जिले का है जहां के सिविल सर्जन ने कलेक्टर सहित कई लोगों की सांसें फुला दी हैं और हैरत इस बात की है कि दबंगी से सरकारी सामान की क्वालिटी पर ही सवाल खड़े कर रहे हैं।
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अशोकनगर के सिविल सर्जन की कुर्सी पर डॉ एसएस छारी पदस्थ है। साहब को कोरोना पॉजिटिव आया गया है जिसकी पुष्टि खुद जिला चिकित्सा एवं स्वास्थ्य अधिकारी ने की है। लेकिन साहब हैं कि मानने को तैयार नहीं और बेधड़क कलेक्टर के साथ दौरे कर रहे हैं अधिकारियों के साथ मीटिंग ले रहे हैं। इतना ही नही, बाकायदा भोपाल से होने वाली सभी वीडियो कॉन्फ्रेंसो में भी बैठ रहे हैं। दरअसल साहब का एंटीजन टेस्ट हुआ। एंटीजन टेस्ट की रिपोर्ट पॉजिटिव आई ।इस बात की पुष्टि खुद जिले के सीएमएचओ ने की ।लेकिन जब पत्रकारों ने छारी से पूछा कि वह कोरोना पॉजिटिव है या नहीं तो साहब ने सिरे से पॉजिटिव होने की बात ही नकार दी ।जवाब दिया कि जो किट थी, वह घटिया क्वालिटी की थी और इसीलिए उसमें रिपोर्ट पॉजिटिव आ गई ।उनसे कहा गया कि खुद सीएमएचओ कह रहे हैं कि आप पॉजिटिव हो तो उन्होंने सीएमएचओ पर ही सवाल खड़े करते हुए कह दिया कि वह तो झूठ बोल रहे हैं। सिविल सर्जन ने यह भी बताया कि उन्होंने एक और एंटीजन टेस्ट दूसरी किट से कराई जिसमें वह निगेटिव आए इसीलिए वह मानते हैं कि वह कोरोना पॉजिटिव नहीं है ।उन्होंने यह भी कहा कि वे जब तक RTPCR जांच नहीं कराते तब तक कुछ को कोरोना पॉजिटिव कैसे मान लें।
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कोरोना प्रोटोकाल कहता है कि यदि कोई व्यक्ति कोरोना का संदिग्ध पॉजिटिव भी है तो उसे आइसोलेशन में चला जाना चाहिए। लेकिन जाहिर सी बात है कि सिविल सर्जन का पद साहब छोड़े तो कैसे। यदि वह छुट्टी पर चले गए और इतने दिन में कोई और उनकी कुर्सी पर आकर काबिज हो गया तो कुर्सी तो गई ही। अब भले ही सिविल सर्जन साहब की इस कारगुजारी का खामियाजा कलेक्टर सहित कई आला अधिकारी भुगते या अशोक नगर की जनता उनसे संक्रमित होती रहे ,उन्हें उनसे क्या ।बस कुर्सी बची रहनी चाहिए।